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ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को दी मान्यता, प्रियंका गांधी ने जताई नाराजगी

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को मान्यता दी है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने हमास के अस्तित्व को समाप्त करने की शर्त रखी है। प्रियंका गांधी ने भारत के रुख पर नाराजगी जताई है, जबकि इजराइल के प्रधानमंत्री ने इसे आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाला कदम बताया है। इस स्थिति पर फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

फिलिस्तीन को मान्यता देने का निर्णय

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने रविवार को फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का ऐलान किया है। हालांकि, इन देशों ने यह शर्त रखी है कि हमास को तुरंत समाप्त होना होगा। इस निर्णय का स्वागत फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने किया है, जबकि इजराइल के प्रधानमंत्री ने इसे आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाला कदम बताया है।


कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारत के फिलिस्तीन के प्रति रुख पर असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत उन पहले देशों में से था जिसने नवंबर 1988 में फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता दी थी। उस समय, हमने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मानवता और न्याय के मूल्यों के लिए खड़े होकर एक मिसाल पेश की थी। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने भी अब, 37 साल की देरी से, इसी रास्ते पर चलने का निर्णय लिया है।


प्रियंका गांधी की आलोचना

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि पिछले बीस महीनों में फिलिस्तीन के प्रति भारत की नीति बेहद शर्मनाक रही है, जो पहले के साहसी रुख का एक दुखद ह्रास है।



इजराइल का कड़ा जवाब

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि 7 अक्टूबर के नरसंहार के बाद फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले नेताओं को स्पष्ट संदेश है कि वे आतंकवाद को इनाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा।


इजराइल सरकार के प्रवक्ता शोश बद्रोसियन ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं, जिसे नेतन्याहू ने आतंकवाद को इनाम देने वाला बताया है।


फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय का बयान

फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न देशों द्वारा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देना शांति के लिए दो-राज्य समाधान को बढ़ावा देने का एक कदम है।