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ओडिशा में भाई की हत्या: 12 वर्षीय नारायण की दर्दनाक कहानी

ओडिशा के बोलांगीर जिले में एक 12 वर्षीय बच्चे नारायण की हत्या के मामले में उसके बड़े भाई भूपेश ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। नारायण के लापता होने की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें भूपेश पर शक हुआ। पूछताछ में भूपेश ने हत्या की बात स्वीकार की और बताया कि छोटे भाई के प्रति जलन और गुस्से के कारण उसने यह कदम उठाया। यह घटना परिवार में भावनात्मक दूरी के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है।
 

ओडिशा के बोलांगीर में दिल दहला देने वाली घटना

ओडिशा के बोलांगीर जिले के टिटलागढ़ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। हाल ही में एक महिला ने अपने 12 वर्षीय बेटे नारायण के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी। यह मामला रहस्यमय बना रहा क्योंकि नारायण का कोई पता नहीं चल रहा था। पुलिस ने उसकी खोज में कई जिलों में जांच की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।


बड़े बेटे पर शक, खुलासा हुआ

जब पुलिस ने लापता बच्चे के माता-पिता से दोबारा पूछताछ की, तो मां ने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिस दिन नारायण गायब हुआ, उस शाम उनके बड़े बेटे भूपेश ने घर की सफाई की, जो असामान्य था। इस जानकारी के बाद पुलिस ने भूपेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की।


भाई की हत्या का सच

पूछताछ के दौरान भूपेश ने स्वीकार किया कि उसने अपने छोटे भाई की हत्या की। उसने बताया कि पहले उसने शव को घर के पीछे दफनाया, लेकिन बाद में रात को लगभग 1 बजे उसे वहां से निकालकर 300 मीटर दूर दूसरी जगह पर फिर से दफना दिया। उसने हत्या में इस्तेमाल किए गए चाकू और मां की साड़ी पुलिस को सौंप दी, जिसका उपयोग शव को ले जाने में किया गया था।


जलन और गुस्सा बने हत्या के कारण

भूपेश ने बताया कि वह अपने छोटे भाई से जलता था क्योंकि उसे लगता था कि छोटे भाई के जन्म के बाद माता-पिता का प्यार उसके लिए कम हो गया है। घटना के दिन दोनों भाइयों में झगड़ा हुआ, और गुस्से में आकर भूपेश ने रसोई से चाकू लेकर छोटे भाई के पेट में वार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।


पुलिस ने किया क्राइम सीन का रीक्रिएशन

बलांगिर पुलिस अधीक्षक, मजिस्ट्रेट और मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंचे और आरोपी की निशानदेही पर शव को बरामद किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया है। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि घर के अंदर भावनात्मक दूरी और असमानता कितनी खतरनाक बन सकती है।