ओपेरा गार्डन सोसाइटी के निवासियों का बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन
सोसाइटी में सुविधाओं की कमी पर उठी आवाज
- बिल्डर के खिलाफ एक हफ्ते से चल रहा प्रदर्शन समाप्त
- डिप्टी कमिश्नर मोहाली से मुलाकात का निर्णय लिया गया
(चंडीगढ़ समाचार) जीरकपुर। ओपेरा गार्डन सोसायटी के निवासियों ने पिछले एक हफ्ते से सुविधाओं की कमी के कारण काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया, जिसे रविवार को समाप्त कर दिया गया। निवासियों ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि उनकी मांगों पर बिल्डर ने ध्यान नहीं दिया। इसलिए, उन्होंने धरना समाप्त कर डिप्टी कमिश्नर मोहाली से मिलने का निर्णय लिया है।
सोसायटी के निवासियों ने बताया कि यह सोसायटी पिछले 15 वर्षों से निर्माणाधीन है और अब तक पूरी नहीं हुई है। जब उन्होंने करोड़ों रुपये में फ्लैट खरीदे थे, तब बिल्डर ने कई सुविधाओं का वादा किया था, जैसे क्लब हाउस, स्वास्थ्य क्लब, लाइब्रेरी, स्विमिंग पूल, और 24 घंटे की सुरक्षा।
बिल्डर से सुविधाओं की मांग
बिल्डर से सुविधाओं का जवाब मांगने पर मिलती है धमकी
हालांकि, अब तक कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जब भी निवासियों ने बिल्डर से बात करने की कोशिश की, तो उन्हें उचित जवाब नहीं मिला और स्टाफ ने धमकियां भी दीं। निवासियों ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। पहले मेंटेनेंस चार्ज 1500 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया। जब इस पर सवाल उठाया गया, तो धमकी दी गई कि यह तो देना ही पड़ेगा।
बिल्डर के पास न तो ओक्यूपेंसी सर्टिफिकेट है और न ही कंप्लिशन सर्टिफिकेट। नियमों के अनुसार, बिना इन सर्टिफिकेट के बिल्डर को मेंटेनेंस चार्ज मांगने का अधिकार नहीं है। निवासियों ने बताया कि सोसायटी में सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं और कई बार लोग लिफ्ट में फंस चुके हैं।
निवासियों की मांगें
बिल्डर से वादे पूरे करने की अपील
निवासियों ने बताया कि सोसायटी में गंदगी फैली हुई है और दीवारों में सीलन है, जिससे सामान खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई यहां लगाई थी, लेकिन अब पछता रहे हैं। निवासियों ने मांग की है कि बिल्डर अपने वादे पर खरा उतरे और सभी सुविधाएं प्रदान करे।
सोसायटी के लोग पहले भी प्रदर्शन कर चुके हैं और अब भी मेंटेनेंस चार्ज नहीं दे रहे हैं। जब वे सख्त होते हैं, तो बिल्डर प्रदर्शन करने की धमकी देते हैं। निवासियों का कहना है कि वे मेंटेनेंस देने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले उन्हें वादे के अनुसार सुविधाएं दी जाएं।