कतर की मध्यस्थता: वैश्विक संघर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका
कतर की नई भूमिका
12 मई को, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कतर एक महत्वपूर्ण उपहार दे रहा है, जिसे अस्वीकार करना मूर्खता होगी। 14 मई को, ट्रंप ने अपने मध्य पूर्व दौरे के दौरान कतर सरकार से एक बोइंग 747-8 जंबो जेट प्राप्त किया, जिसकी कीमत लगभग 3400 करोड़ रुपये है। इसे 'उड़ता महल' कहा जाता है। कतर, जो कि 30 लाख की आबादी वाला एक छोटा सा देश है, अपनी विशाल धन संपत्ति के लिए जाना जाता है। हाल के समय में, कतर ने अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ईरान-इजरायल संघर्ष में कतर का योगदान
कतर पर ईरान द्वारा कई हमले किए गए, जो अमेरिकी सैन्य ठिकानों को लक्षित कर रहे थे। हालांकि, कतर ने अमेरिका पर दबाव डालकर स्थिति को नियंत्रित किया। कतर ने ईरान से बातचीत की और फिर अमेरिका से संपर्क किया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कतर के नेता ने पूरी रात इस मामले को सुलझाने के लिए काम किया।
कतर की सॉफ्ट पावर
कतर ने 1990 के दशक से मध्यस्थता में एक विश्वसनीय भूमिका निभाई है। इसने सूडान, तालिबान और इजरायल-हिज़्बुल्लाह समझौतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कतर ने हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध में भी मध्यस्थता की है।
अफगानिस्तान में कतर की भूमिका
अल-उदीद एयर बेस से दोहा तक की यात्रा एक घंटे की है, लेकिन अमेरिका के लिए यह यात्रा आठ साल की थी। 2013 में तालिबान ने कतर में एक राजनयिक मिशन स्थापित किया। कतर ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सूडान में शांति समझौते
कतर ने 2011 और 2020 में सूडान के दारफुर में शांति समझौते की सुविधा प्रदान की। यह समझौता दारफुर संघर्ष के पीड़ितों के लिए मुआवज़ा कोष की स्थापना और क्षेत्रीय प्राधिकरण के गठन की अनुमति देता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता
2023 में, कतर ने रूस और यूक्रेन के बीच बच्चों की रिहाई के लिए महत्वपूर्ण मध्यस्थता की। कतर ने चार यूक्रेनी बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद की।
इजरायल-गाजा संघर्ष में कतर की भूमिका
वर्तमान इजरायल-हमास युद्ध में, कतर ने बंधकों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कतर ने गिलाद शालिट के मामले में भी मध्यस्थता की थी।
लेबनान संकट में कतर की मध्यस्थता
2008 में, कतर ने दोहा समझौते के माध्यम से लेबनान में गृह युद्ध को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह संकट हिजबुल्लाह और लेबनानी सरकार के बीच राजनीतिक गतिरोध से उत्पन्न हुआ था।