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कतर समिट: क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए साझा रक्षा तंत्र की आवश्यकता

कतर की राजधानी दोहा में आयोजित आपातकालीन इस्लामिक समिट ने क्षेत्रीय सुरक्षा और साझा रक्षा तंत्र की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण चर्चा की। नेताओं ने हाल के हमलों की निंदा करते हुए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। कतर के अमीर ने हमले को अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया और साझा रक्षा तंत्र को सक्रिय करने की बात की। सदस्य देशों के बीच बचाव क्षमता को विकसित करने और राजनीतिक समन्वय को मजबूत करने पर भी विचार किया गया। इस समिट ने आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
 

कतर समिट: सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम

कतर समिट: कतर की राजधानी दोहा में सोमवार को आयोजित आपातकालीन इस्लामिक समिट ने क्षेत्रीय सुरक्षा और साझा रक्षा तंत्र के लिए महत्वपूर्ण संकेत दिए। इस समिट में अरब और इस्लामी देशों के नेताओं ने हाल के हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।


हमले की निंदा और सामूहिक प्रयास

कतर के अमीर शेख तमीम ने अपने भाषण में कहा कि दोहा में हमास नेताओं और उनके परिवारों पर किया गया हमला अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इजरायल का यह कदम अहंकार को दर्शाता है और इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। समिट में गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) देशों के बीच साझा रक्षा तंत्र को सक्रिय करने पर गंभीर चर्चा हुई, जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।


बचाव क्षमता को विकसित करने की योजना

बचाव क्षमता को विकसित करने पर विचार

कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद मोहम्मद अल अंसारी ने बताया कि सदस्य देशों के सैन्य निकायों के बीच बचाव क्षमता को विकसित करने पर विचार चल रहा है। इस संदर्भ में उच्च कमान की बैठक जल्द ही दोहा में आयोजित की जाएगी। उन्होंने संकेत दिया कि यह ढांचा नाटो की तर्ज पर बनाया जा सकता है, जिसमें एक सदस्य देश पर हमला सभी पर हमला माना जाएगा।


राजनीतिक और कूटनीतिक समन्वय का महत्व

राजनीतिक और कूटनीतिक समन्वय

समिट में यह भी कहा गया कि साझा सुरक्षा केवल सैन्य स्तर तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक समन्वय को भी मजबूत करना होगा। खुफिया और रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करने का प्रस्ताव रखा गया ताकि किसी भी संकट के समय त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया दी जा सके। इसके साथ ही समुद्री मार्गों, सीमावर्ती क्षेत्रों और महत्वपूर्ण ढांचागत स्थलों की सुरक्षा को भी मजबूत करने पर जोर दिया गया।


आपसी सहयोग की आवश्यकता

आपसी सहयोग बढ़ाना जरुरी

संयुक्त बयान में कहा गया कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाना आवश्यक है और सभी सदस्य देशों की सुरक्षा चिंताओं का समाधान किया जाएगा। हालांकि, कुछ सदस्य देशों ने त्वरित सैन्य कार्रवाई का समर्थन नहीं किया और संयम बरतने की बात कही।