कनाडा में पाकिस्तान की साजिशों का खुलासा: सीएसआईएस की रिपोर्ट
कनाडा की खुफिया एजेंसी का खुलासा
कनाडा की खुफिया रिपोर्ट: पाकिस्तान की भारत के खिलाफ एक नई साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जो कनाडा की खुफिया एजेंसी सीएसआईएस द्वारा किया गया है।
सीएसआईएस की हालिया रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पाकिस्तान भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय स्थिति को कमजोर करने के लिए कनाडा की जमीन का उपयोग कर रहा है।
इस रिपोर्ट में कई अन्य महत्वपूर्ण खुलासे भी किए गए हैं, जिसमें कनाडा में राजनीतिक और सुरक्षा हितों को बढ़ावा देने के प्रयासों और चुनावों में हस्तक्षेप की बात की गई है।
कनाडा के चुनावों में पाकिस्तान का हस्तक्षेप
पाकिस्तान का गुप्त हस्तक्षेप
सीएसआईएस के अनुसार, पाकिस्तान ने कनाडा के संघीय और प्रांतीय चुनावों में गुप्त रूप से हस्तक्षेप करने का प्रयास किया है, ताकि ऐसे नेताओं को बढ़ावा दिया जा सके जो भारत के बजाय पाकिस्तान के समर्थक माने जाते हैं। यह दर्शाता है कि पाकिस्तान, जहां लोकतंत्र केवल नाम का है, अन्य देशों में भी ऐसी ही स्थिति चाहता है।
सीएसआईएस ने इसे विदेशी हस्तक्षेप का सबसे घिनौना रूप बताया है। इसके अलावा, पाकिस्तान कनाडा में अपने आलोचकों और असंतुष्टों को दबाने के लिए अवैध तरीकों का सहारा ले रहा है।
खालिस्तानी उग्रवादियों की गतिविधियाँ
खालिस्तानी आतंकवादियों की चेतावनी
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान भविष्य में कनाडा में विभिन्न स्तरों पर सरकारों, सांस्कृतिक-धार्मिक समूहों और मीडिया को निशाना बना सकता है, विशेषकर चुनाव उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करके।
यह पहली बार है जब कनाडा की खुफिया एजेंसी ने खालिस्तानी आतंकवादियों के भारत विरोधी इरादों के बारे में खुलकर बात की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ सक्रिय तत्व कनाडा को अपने आधार के रूप में इस्तेमाल कर भारत में हिंसा की योजना और फंडिंग कर रहे हैं।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने कनाडा को लताड़ा
कनाडा में दक्षिण एशियाई मूल के लोगों की बड़ी संख्या को देखते हुए रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यहां पाकिस्तान समर्थक या भारत विरोधी समूहों के लिए जमीन तैयार की जा रही है। हालांकि, इसी रिपोर्ट में भारत को भी 'विदेशी हस्तक्षेप' करने वाला देश बताया गया है, जिसे भारत सरकार ने पूरी तरह से निराधार और तथ्यहीन करार दिया है।
भारत के शीर्ष सरकारी और खुफिया सूत्रों ने कहा कि यह रिपोर्ट जानबूझकर 'अलगाववादी लॉबी को खुश करने' और कनाडा में सक्रिय खालिस्तान समर्थक चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई में विफलता से ध्यान हटाने के लिए तैयार की गई थी।