कपूरथला में मूसलधार बारिश से बाढ़ का खतरा, किसानों की फसलें दांव पर
कपूरथला में बाढ़ की स्थिति
कपूरथला और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रविवार सुबह से हो रही भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। ब्यास नदी का जलस्तर 1.5 लाख क्यूसेक के करीब पहुँच गया है, जिससे जनजीवन, कृषि भूमि और बुनियादी ढांचे पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है। नदी के किनारे कटाव के कारण खतरा बढ़ गया है, और तेज धारा ने मंड क्षेत्र में छह स्थानों पर कटाव कर दिया है, जिससे बांध की मजबूती पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय निवासी सतर्कता बरत रहे हैं ताकि किसी भी बड़ी आपदा को टाला जा सके।राज्यसभा सदस्य बलबीर सिंह सीचेवाल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर रातभर बारिश और बाढ़ का सामना किया और अहली कलां के पास अस्थायी बांध को मजबूत करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि कटाव को रोकने के लिए रेत की बोरियों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन जल का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। यदि बांध टूटता है, तो लगभग 35 से 40 हजार एकड़ धान की फसल को भारी नुकसान होगा।
किसान बलविंदर सिंह, जो मौके पर ट्रैक्टर और जेसीबी मशीनों के साथ मौजूद हैं, ने कहा कि उनकी साल भर की मेहनत दांव पर है। उन्होंने चेतावनी दी कि "अगर बांध टूट गया, तो हजारों परिवारों का जीवन बर्बाद हो जाएगा।"
ड्रेनेज विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार को पोंग डैम से 70 हजार क्यूसेक से अधिक पानी ब्यास में छोड़ा गया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पहाड़ियों में बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो पिछले दो हफ्तों से पानी में फंसे परिवारों की स्थिति और भी खराब हो सकती है।
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने ट्रैक्टर के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और केंद्र सरकार से त्वरित वित्तीय सहायता की मांग की। उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा जरूरत के समय हरियाणा और राजस्थान को पानी देता है, लेकिन जब यहाँ बाढ़ आती है, तो कोई मदद नहीं करता। सुखबीर बादल ने पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रभावित ग्रामीणों को कोई ठोस राहत नहीं मिली है। उन्होंने सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र के किसानों के लिए 10 हजार लीटर डीज़ल और एक हजार मीटर पाइप उपलब्ध कराने की घोषणा की, ताकि खेतों से पानी निकासी में मदद मिल सके।