करनाल में वायु प्रदूषण और ट्रेन सेवाओं में देरी की समस्या
करनाल का वायु गुणवत्ता सूचकांक
करनाल (Karnal Weather): शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है। बुधवार को यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 162 दर्ज किया गया, जो पड़ोसी जिले पानीपत से 62 अंक अधिक है।
पानीपत में कई उद्योग होने के बावजूद वहां का वायु प्रदूषण स्तर करनाल से कम है। इस स्थिति पर नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उपायों पर सवाल उठ रहे हैं।
करनाल में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की अधिकता के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। धूल और धुएं के कणों की अधिकता से दमा, एलर्जी और सांस संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक की तुलना
Karnal Weather: इतना है एक्यूआई
बुधवार को पानीपत का एक्यूआई 100, कुरुक्षेत्र का 166, यमुनानगर का 250, सोनीपत का 332 और कैथल का 60 दर्ज किया गया। सोनीपत और यमुनानगर की हवा करनाल से भी खराब हो चुकी है।
पानीपत में चार हजार से अधिक उद्योग होने के बावजूद वहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक करनाल से कम है। अधिकारियों का मानना है कि करनाल में अवैध कॉलोनियों में चल रहे निर्माण कार्य प्रदूषण का एक बड़ा कारण हैं।
धूल उड़ने के कारण शहर की हवा अधिक प्रदूषित हो रही है। इसके अलावा, शहर में कूड़ा जलाने की घटनाएं भी वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण मानी जा रही हैं।
स्वास्थ्य सलाह और निरीक्षण
डॉ. कुलबीर ने सलाह दी है कि सांस संबंधी समस्याओं से ग्रसित लोग इन दिनों बाहर कम निकलें, सुबह-शाम कसरत से बचें और मास्क का उपयोग करें। एचएसपीसीबी के एसडीओ रणदीप सिंधू ने बताया कि जिले में दो टीमें लगातार गश्त कर रही हैं।
ये टीमें विशेष रूप से धुआं छोड़ने वाली फैक्टरियों और निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर रही हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोहरे का असर ट्रेनों पर
कोहरे ने भी धीमी की ट्रेनों की रफ्तार
करनाल रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 60 ट्रेनें गुजरती हैं, लेकिन पिछले एक महीने में इनमें से कोई भी ट्रेन समय पर नहीं पहुंची। ट्रेनें आधे से तीन घंटे तक लेट हो रही हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सर्दी की शुरुआत के साथ कोहरे के कारण ट्रेनों की गति धीमी हो गई है। रेलवे के अनुसार, उत्तरी भारत में कोहरे का प्रभाव बढ़ रहा है, जिससे रात और सुबह के समय ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो रहा है।
स्थानीय ट्रेनों की स्थिति भी खराब है, महीने में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब लोकल ट्रेन समय पर आई हो। इससे दफ्तर जाने वाले और दैनिक यात्री लगातार देरी का सामना कर रहे हैं।
यात्रियों की समस्याएं
करनाल से रोजाना लगभग पांच हजार लोग ट्रेनों से यात्रा करते हैं, इसलिए देरी का सीधा असर उनके कामकाज और स्कूल-कॉलेज के समय पर पड़ रहा है। स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है, जिससे प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है।
यात्रियों ने रेलवे से मांग की है कि सर्दी और कोहरे के दौरान ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार के लिए वैकल्पिक प्रबंधन किया जाए।
नई दिल्ली कुरुक्षेत्र लोकल ट्रेन दो घंटे की देरी से आई, जबकि नेताजी एक्सप्रेस पौने दो घंटे की देरी से पहुंची। कई अन्य ट्रेनें भी समय पर नहीं आईं।