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करूर भगदड़: 40 लोगों की मौत, विजय की पार्टी ने जांच की मांग की

तमिलनाडु के करूर में टीवीके की रैली के दौरान हुई भगदड़ ने 40 लोगों की जान ले ली और 60 से अधिक लोग घायल हुए। विजय की पार्टी ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। पीड़ितों में से एक ने रैलियों पर रोक लगाने की याचिका दायर की है। इस बीच, विजय को बम की धमकी मिली है, जिसके चलते उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

करूर में मची भगदड़

करूर भगदड़: शनिवार को तमिलनाडु के करूर में टीवीके (तमिलगा वेत्री कझगम) की रैली के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया। इस दुखद घटना में 40 लोगों की जान चली गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।


टीवीके ने न्यायालय का रुख किया

एक्टर से नेता बने विजय की पार्टी टीवीके ने इस घटना की सीबीआई या विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। वकीलों के एक समूह ने न्यायमूर्ति एम. ढांडापानी के समक्ष मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया। अदालत ने सोमवार को मदुरै पीठ में सुनवाई तय की है। पार्टी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है और इस घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाया है।


पीड़ित ने रैलियों पर उठाए सवाल

हादसे के एक पीड़ित सेंथिलकन्नन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर टीवीके और विजय की भविष्य की रैलियों पर रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह त्रासदी लापरवाह योजना और भीड़ प्रबंधन की कमी का परिणाम थी। उन्होंने अदालत से अपील की कि जब तक सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित नहीं होते, तब तक टीवीके की रैलियों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान सभा करने का अधिकार है, लेकिन इसे अनुच्छेद 21 के तहत लोगों की सुरक्षा के अधिकार से संतुलित किया जाना चाहिए।


विजय को मिली धमकी

इस घटना के बीच पुलिस ने बताया कि विजय को बम की धमकी मिली है, जिसके बाद उनके नीलांकराय स्थित निवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों को मौके पर तैनात किया गया है। धमकी भरे कॉल की जांच जारी है।


सरकार ने विजय को अस्पताल न जाने की सलाह दी

तमिलनाडु सरकार ने विजय को करूर सरकारी अस्पताल न जाने की सलाह दी, क्योंकि उनकी उपस्थिति से भीड़ बढ़ने और स्थिति बिगड़ने का खतरा था। विजय और पार्टी के नेताओं ने इस योजना को रद्द कर दिया। सूत्रों के अनुसार, हादसे के बाद से विजय गहरे सदमे में हैं और उन्होंने कुछ भी नहीं खाया है। अदालत की सुनवाई और प्रशासनिक अनुमति के बाद ही उनके पीड़ित परिवारों से मिलने की उम्मीद है।