करूर में विजय रैली में भगदड़: सुरक्षा चिंताएँ और जांच आयोग का गठन
करूर में विजय रैली में भगदड़
करूर में विजय रैली का हादसा: 27 सितंबर को करूर के वेलुसामीपुरम में आयोजित विजय की रैली में भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई, जिसके परिणामस्वरूप एक भयावह भगदड़ हुई। लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे कई लोग घायल हो गए। यह घटना राज्य की राजनीतिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए नई चिंताएँ उत्पन्न कर रही है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और घायलों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
FIR में उल्लेख किया गया है कि विजय अपने प्रचार वाहन में लंबे समय तक रुके रहे, जिससे भीड़ में असंतोष और धक्का-मुक्की बढ़ गई। रैली स्थल संकरा था और वहां उपस्थित लोगों की संख्या उसकी क्षमता से कहीं अधिक थी। बेहतर दृश्य देखने के लिए लोग पेड़ों और स्टील के शेड पर चढ़ गए, जो ढह गए और नीचे गिरकर मौत और गंभीर चोटों का कारण बने।
मुकदमा और जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान
जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई:
पुलिस ने विजय के खिलाफ सीधे तौर पर कोई मामला दर्ज नहीं किया है। FIR में करूर नॉर्थ जिला सचिव मथियाजागन, राज्य महासचिव बसी आनंद और उपमहासचिव निर्मल कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपों में हत्या के प्रयास, दूसरों की जान को खतरे में डालना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शामिल है।
अस्पताल में सुरक्षा और मुआवजा
अस्पताल में सुरक्षा उपाय:
विजय को घायलों से मिलने के लिए अस्पताल जाने से रोका गया है, क्योंकि उनकी उपस्थिति से स्थिति और अधिक अस्थिर हो सकती थी। मुख्यमंत्री स्टालिन ने प्रभावित परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है और अस्पताल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
जांच आयोग का गठन
जांच प्रक्रिया:
राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया है। आयोग ने अस्पताल में मरीजों से मुलाकात की है और पूरी जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।