कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड को बढ़ावा देने की दिशा में कदम
डीके शिवकुमार का आश्वासन
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार (18 जून) को बेंगलुरु में नम्मा मेट्रो स्टेशनों पर अमूल कियोस्क के मुद्दे पर बढ़ते विवाद को सुलझाने का प्रयास किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कर्नाटक की डेयरी ब्रांड नंदिनी को मेट्रो नेटवर्क के आठ स्थानों पर स्थान दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) ने 10 मेट्रो स्टेशनों पर रिटेल स्पेस के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं। इनमें से केवल गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित अमूल ने आवेदन किया। डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF), जो नंदिनी ब्रांड का मालिक है, ने निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लिया।
डीके शिवकुमार का स्पष्टीकरण
जानें डीके शिवकुमार ने क्या कहा?
डीके शिवकुमार ने विवाद पर अपनी बात रखते हुए कहा, “अमूल को छोड़कर किसी अन्य ने इन आउटलेट्स के लिए आवेदन नहीं किया, यहाँ तक कि KMF ने भी नहीं। अब हमने KMF को निर्देश दिया है कि वे बाकी स्थानों के लिए आवेदन करें। 10 स्थानों में से अमूल ने वैश्विक निविदा प्रक्रिया के माध्यम से दो स्टेशनों पर स्टोर खोल लिए हैं। अब इन्हें बंद करना उचित नहीं होगा। लेकिन मैंने निर्देश दिया है कि शेष आठ स्टेशनों पर नंदिनी के आउटलेट स्थापित किए जाएं।”
विवादित स्टेशनों की सूची
जानिए किन स्टेशनों पर है विवाद?
BMRCL ने निम्नलिखित मेट्रो स्टेशनों पर कियोस्क स्थापित करने के लिए निविदाएं जारी की थीं: पट्टनदुर अग्रहारा, इंदिरानगर, बेन्नीगनहल्ली, ब्यप्पनहल्ली, ट्रिनिटी, सर एम विश्वेश्वरैया, नदप्रभु केम्पेगौड़ा (मैजेस्टिक), नेशनल कॉलेज, जयनगर और बनशंकरी।
राजनीतिक विवाद का कारण
क्यों उठा राजनीतिक विवाद!
इस मुद्दे ने राजनीतिक तनाव को जन्म दिया है। विपक्षी भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर नंदिनी ब्रांड को नजरअंदाज कर गुजरात स्थित अमूल को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। बेंगलुरु सेंट्रल के सांसद पीसी मोहन ने सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भाजपा पर बाहरी लोगों को तरजीह देने का झूठा आरोप लगाया था। लेकिन अब उनकी निगरानी में 10 मेट्रो स्टेशनों पर अमूल के कियोस्क स्थापित किए गए हैं, जिससे नंदिनी को नजरअंदाज किया गया। यह सरासर पाखंड है।”
भविष्य की दिशा
आगे की दिशा
शिवकुमार के आश्वासन से नंदिनी समर्थकों को राहत मिलने की उम्मीद है। यह कदम कर्नाटक के डेयरी किसानों के हितों की रक्षा और स्थानीय ब्रांड को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।