कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं: क्या बनेंगे डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री?
कर्नाटक की सियासत में हलचल
कर्नाटक की राजनीति में हाल ही में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस सरकार को एक साल से भी कम समय हुआ है, लेकिन अंदरूनी मांगों और बयानों ने माहौल को गरमा दिया है। बेंगलुरु ग्रामीण के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता डीके सुरेश ने अपने बड़े भाई और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा व्यक्त की है।
डीके सुरेश की इच्छा
डीके सुरेश ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत इच्छा है कि एक दिन उनके भाई डीके शिवकुमार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने कहा, "उन्होंने पार्टी के लिए वर्षों तक ईमानदारी से काम किया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने कांग्रेस पर भरोसा जताया है। मुझे पूरा विश्वास है कि उन्हें एक दिन मौका जरूर मिलेगा।" हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली नहीं है और यह केवल एक इच्छा है। उन्होंने कहा, "हर चीज का एक समय होता है। भाग्य, ईश्वर और लोगों का आशीर्वाद—सब मिलकर तय करते हैं कि कब किसे अवसर मिलेगा।"
कांग्रेस आलाकमान की स्थिति
इस बीच, कांग्रेस हाईकमान ने पहले ही इन अटकलों को खारिज कर दिया है। पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन का कोई सवाल नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी कहा है कि वे पूरे पांच साल तक पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा, "मैं जनता के जनादेश और पार्टी के आदेश से मुख्यमंत्री बना हूं और पांच साल तक बना रहूंगा।"
डीके शिवकुमार का समर्थन
नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं सिद्धारमैया जी के साथ खड़ा हूं और उनका पूरा समर्थन करता हूं।"
पार्टी में अनुशासनात्मक रुख
इस विवाद के बीच, रामनगर से विधायक एच ए इकबाल हुसैन ने भी शिवकुमार के समर्थन में बयान दिया, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी का कहना है कि सार्वजनिक रूप से नेतृत्व परिवर्तन की मांग करना अनुशासन के खिलाफ है। कुल मिलाकर, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के भीतर चल रही इस खींचतान ने राजनीतिक हलकों में हलचल जरूर बढ़ा दी है, लेकिन आलाकमान की स्पष्टता के चलते नेतृत्व परिवर्तन की संभावना फिलहाल दूर नजर आ रही है।