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कर्नाटक में प्रज्वल रेवन्ना को अश्लील वीडियो और बलात्कार मामले में दोषी ठहराया गया

बेंगलुरु की अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को अश्लील वीडियो और बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया है, जिससे कर्नाटक की राजनीति में हलचल मच गई है। न्यायाधीश संतोष गजानना भट्ट ने इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा की, जो देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत ने कर्नाटक में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। जानें इस हाई-प्रोफाइल मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
 

प्रज्वल रेवन्ना का मामला: अदालत का फैसला

बेंगलुरु की एक अदालत ने शुक्रवार को प्रज्वल रेवन्ना को एक अश्लील वीडियो और बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया है, जिससे कर्नाटक की राजनीतिक और न्यायिक हलचल में वृद्धि हुई है। न्यायाधीश संतोष गजानना भट्ट ने यह महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया, जो देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना और उनके वकील को सजा पर अंतिम दलीलें पेश करने की अनुमति दी है, और शनिवार को सजा की मात्रा की घोषणा की जाएगी। यह फैसला इस हाई-प्रोफाइल मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसका सभी को इंतजार था।


फैसला सुनाए जाने के समय, प्रज्वल रेवन्ना को अदालत में पेश किया गया। जैसे ही न्यायाधीश ने उन्हें दोषी ठहराया, उनकी आँखों में आँसू आ गए। अदालत कक्ष में वह लगातार अपने आँसू पोंछते हुए देखे गए। अदालत से बाहर निकलने के बाद, वह निराशा में एक कुर्सी पर बैठ गए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह फैसला उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन पर गहरा असर डालेगा।


इससे पहले, अदालत ने 30 जुलाई को कुछ स्पष्टीकरणों की आवश्यकता का हवाला देते हुए फैसले को टाल दिया था। दोनों पक्षों से जानकारी मांगने के बाद, मामले को आज तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। यह मामला भारतीय न्यायपालिका की पारदर्शिता और गहन जांच प्रक्रिया को दर्शाता है। प्रज्वल रेवन्ना को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था और तब से वह 14 महीने से बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी ने कर्नाटक में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया था।


यह मामला के.आर. नगर की एक घरेलू सहायिका द्वारा प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दायर बलात्कार की शिकायत से संबंधित है। अदालत ने इस मामले से जुड़े 26 सबूतों की गहन समीक्षा की है। प्रज्वल रेवन्ना पर ऐसे ही तीन अन्य समान मामले भी चल रहे हैं, जो उनकी कानूनी मुसीबतें बढ़ा रहे हैं। आरोप है कि प्रज्वल रेवन्ना ने महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया और इन कृत्यों को रिकॉर्ड करने वाले अश्लील वीडियो 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान सामने आए थे। इन वीडियो के सामने आने से देशभर में व्यापक आक्रोश फैल गया था।


वीडियो के सामने आने के बाद, प्रज्वल देश छोड़कर भाग गए थे। होलेनरसिपुरा की एक पीड़िता ने सबसे पहले उनके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी। 31 मई, 2024 को बेंगलुरु लौटने पर, बेंगलुरु पुलिस ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी विशेष जांच दल की मेहनत का परिणाम थी, जो इस मामले की गहराई से जांच कर रही थी।


प्रज्वल की वापसी पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की सार्वजनिक अपीलों के बाद हुई थी। गिरफ्तारी के बाद, प्रज्वल को बेंगलुरु सेंट्रल जेल में रखा गया, और उनकी कई जमानत याचिकाओं को सभी अदालतों ने खारिज कर दिया। चुनाव अवधि के दौरान व्यापक आक्रोश पैदा करने वाले वीडियो में एक बुजुर्ग घरेलू सहायिका पर कथित यौन उत्पीड़न दिखाया गया था। इस वीडियो ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया था।


विशेष जांच दल ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए थे, जिनमें धारा 376(2)(n) (एक ही महिला पर बार-बार बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी), 354A(1) (अवांछित शारीरिक संपर्क), और अन्य धाराएं शामिल हैं। यह मामला भारतीय कानून के तहत महिला सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।