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कर्नाटक में शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने की मांग: सेंट मैरी या शिवाजी महाराज?

कर्नाटक में कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर सेंट मैरी रखने की मांग की है, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई है। इस प्रस्ताव को लेकर कर्नाटक और महाराष्ट्र के नेताओं में नाराजगी है, जो इसे छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान मानते हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जबकि भाजपा ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और विभिन्न नेताओं की प्रतिक्रियाएँ।
 

शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने की मांग

शिवाजीनगर स्टेशन: कर्नाटक में कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर सेंट मैरी रखने की मांग की है, जिससे राज्य और महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल मच गई है। इस प्रस्ताव को छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान मानते हुए कई नेताओं ने नाराजगी जताई है।


कांग्रेस विधायक का प्रस्ताव

बेंगलुरु के शिवाजीनगर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने कहा कि वे औपचारिक रूप से शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी रखने का प्रस्ताव पेश करेंगे। उनका तर्क है कि यह नामकरण पास में स्थित ऐतिहासिक सेंट मैरी बेसिलिका के सम्मान में किया जाना चाहिए, जो स्थानीय और धार्मिक महत्व रखती है। अरशद का मानना है कि इससे यात्रियों को स्थान की पहचान में मदद मिलेगी और भ्रम की स्थिति समाप्त होगी।


मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का समर्थन

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने बेंगलुरु मेट्रो की पिंक लाइन पर बन रहे शिवाजीनगर स्टेशन का नाम सेंट मैरी रखने की सिफारिश की है। उन्होंने आर्कबिशप पीटर मचाडो को आश्वासन दिया कि सरकार इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करेगी।


महाराष्ट्र में राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस प्रस्ताव के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर तीखे हमले करते हुए कहा कि यह कदम छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का अपमान है। भाजपा ने कांग्रेस पर शिवाजी महाराज के इतिहास को मिटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।


भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया

भाजपा की महिला प्रदेश अध्यक्ष चित्रा वाघ ने कहा कि कांग्रेस की मंशा एक बार फिर स्पष्ट हो गई है कि वह शिवाजी महाराज के सम्मान को कम करना चाहती है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या महाराष्ट्र कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप रहेगी या इसका विरोध करेगी।


शिवसेना (UBT) की प्रतिक्रिया

उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नेता आनंद दुबे ने कहा कि वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह करेंगे कि स्टेशन का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज मेट्रो स्टेशन ही रखा जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस मुद्दे पर आग में घी डालने का काम नहीं करना चाहिए और सभी दलों को मिलकर जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए।


विवाद का कारण

शिवाजीनगर का नाम मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित माना जाता है। ऐसे में इसका नाम बदलने का प्रस्ताव महाराष्ट्र में सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा मुद्दा बन गया है। कांग्रेस विधायक की इस मांग ने कर्नाटक में धार्मिक पहचान की राजनीति को जन्म दिया है, वहीं महाराष्ट्र में इसे मराठी गौरव से जोड़ते हुए विरोध तेज हो गया है।