कर्नाटक सरकार ने IPS डॉ. रामचंद्र राव को गोल्ड स्मगलिंग केस के बाद दी नई जिम्मेदारी
Ranya Rao Gold Smuggling Case: IPS Dr. Ramachandra Rao's Reinstatement
Ranya Rao gold smuggling case: कर्नाटक सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ. के रामचंद्र राव को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपते हुए पुनः सेवा में बहाल कर दिया है। उन्हें उनकी सौतेली बेटी और अभिनेत्री रान्या राव की गोल्ड स्मगलिंग केस में गिरफ्तारी के बाद अनिवार्य अवकाश पर भेजा गया था। अब सरकार ने उनका अवकाश आदेश वापस लेकर उन्हें नागरिक अधिकार प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Civil Rights Enforcement) का पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है.
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, मार्च में लगाए गए अनिवार्य अवकाश को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह पद, डीजीपी (CID, स्पेशल यूनिट्स एंड इकोनॉमिक ऑफेंस, बेंगलुरु) के समकक्ष है, जो आईपीएस (पे) नियम 2016 के नियम 12 के तहत आता है.
आईपीएस रामचंद्र राव को मिली नई जिम्मेदारी
कर्नाटक सरकार के आदेश के अनुसार, 'डॉ. के रामचंद्र राव, आईपीएस (KN 1993) के संबंध में जारी अनिवार्य अवकाश का आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है और अधिकारी को नागरिक अधिकार प्रवर्तन निदेशालय के पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया जाता है। यह पद अपग्रेडेड रिक्त पद के रूप में घोषित किया गया है।' पुनः नियुक्ति से पहले राव, कर्नाटक राज्य पुलिस हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे.
रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग केस
रान्या राव को 3 मार्च को दुबई से बेंगलुरु लौटने पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने उनके पास से 12.56 करोड़ रुपए के सोने के बिस्कुट बरामद किए थे.
अगले दिन, डीआरआई ने उनके बेंगलुरु स्थित आवास से 2.06 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपए नकद भी जब्त किए। आरोप है कि 34 वर्षीय रान्या राव ने हवाई अड्डे पर कस्टम जांच से बचने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट का दुरुपयोग किया.
राज्य सरकार ने इस मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, ताकि यह जांच की जा सके कि क्या डॉ. रामचंद्र राव का इस कथित तस्करी में कोई हाथ था। इस संबंध में अधिकारी को समिति के सामने पेश होकर अपना बयान देना पड़ा था.