कर्नाटक सरकार ने आईपीएस अधिकारी के निलंबन को चुनौती दी
कर्नाटक सरकार ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी का निलंबन रद्द किया गया था। यह मामला एक गंभीर भगदड़ की घटना से संबंधित है, जिसमें सुरक्षा में चूक का आरोप है। सरकार का मानना है कि अधिकारी का निलंबन उचित था और मामले की गहन जांच आवश्यक है। उच्च न्यायालय का निर्णय इस मामले में महत्वपूर्ण होगा और भविष्य में ऐसे मामलों के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है।
Jul 2, 2025, 16:50 IST
कर्नाटक सरकार का उच्च न्यायालय में कदम
कर्नाटक सरकार ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के उस निर्णय को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का सहारा लिया है, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी के निलंबन को रद्द कर दिया गया था। यह मामला एक गंभीर भगदड़ की घटना से जुड़ा हुआ है।यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक आईपीएस अधिकारी को भगदड़ की घटना के बाद निलंबित किया गया, जिसमें सुरक्षा में चूक और प्रबंधन की खामियों का आरोप लगाया गया। अधिकारी ने अपने निलंबन के खिलाफ CAT में अपील की, जिसने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए निलंबन आदेश को रद्द कर दिया।
कर्नाटक सरकार इस निर्णय से असहमत है। उनका कहना है कि अधिकारी का निलंबन उचित था और मामले की गहन जांच आवश्यक है। सरकार का मानना है कि ऐसे गंभीर मामलों में अधिकारी की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है।
अब, सरकार ने CAT के आदेश को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। वे चाहते हैं कि उच्च न्यायालय CAT के निर्णय को रद्द करे और आईपीएस अधिकारी का निलंबन बहाल रखे, ताकि भगदड़ मामले की पूरी जांच की जा सके और जिम्मेदारी तय की जा सके।
यह कदम प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही और सरकारी निर्णयों पर न्यायिक हस्तक्षेप के बीच संतुलन को दर्शाता है। उच्च न्यायालय का निर्णय इस मामले में महत्वपूर्ण होगा और भविष्य में ऐसे मामलों के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है.