कर्नाटक हाई कोर्ट ने केएससीए को भगदड़ मामले में राहत दी
कर्नाटक हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के मामले में कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से रोकने का आदेश दिया। इस निर्णय ने केएससीए के अधिकारियों को बड़ी राहत प्रदान की है, जिन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया था।
अगली सुनवाई और सुरक्षा आदेश
जस्टिस एसआर कृष्णा कुमार ने केएससीए के अधिकारियों को गिरफ्तारी से सुरक्षा दी और निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने केएससीए को जांच में सहयोग करने और बिना अनुमति के कोर्ट के क्षेत्र से बाहर न जाने का आदेश भी दिया। यह मामला अब 16 जून को अगली सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया गया है।
पुलिस की स्थिति और गिरफ्तारी
राज्य की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल शशि किरण ने कहा कि पुलिस फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं करेगी, लेकिन जांच को आगे बढ़ने दिया जाएगा। दूसरी ओर, केएससीए के वकील ने बताया कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के मार्केटिंग हेड को पहले ही हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि वह दुबई भागने की कोशिश कर रहे थे।
भगदड़ की घटना का विवरण
भगदड़ की घटना और आरोप-प्रत्यारोप
4 जून को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर लगभग दो से तीन लाख लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई थी, जो आईपीएल 18 की विजेता टीम आरसीबी के सम्मान समारोह में शामिल होने आई थी। इस दौरान भगदड़ मच गई, जिससे 11 लोगों की जान गई और 56 अन्य घायल हो गए। कब्बन पार्क पुलिस ने केएससीए, आरसीबी और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ "आपराधिक लापरवाही" के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
केएससीए की स्थिति
केएससीए ने इस घटना से खुद को अलग करते हुए कहा कि आयोजन का निर्णय राज्य सरकार ने लिया था और यह विधान सौधा में हुआ, न कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि उनकी भूमिका केवल स्टेडियम को किराए पर देने और क्रिकेट से जुड़े मामलों तक सीमित थी। उन्होंने भीड़ प्रबंधन और गेट नियंत्रण में अपनी कोई जिम्मेदारी न होने की बात कही।
राज्य सरकार और आयोजकों के बीच विवाद
राज्य सरकार और आयोजकों पर सवाल
इस मामले में राज्य सरकार और आयोजकों के बीच एक-दूसरे पर दोषारोपण का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को कहा था कि आयोजकों के प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी होगी। हालांकि, हाई कोर्ट के ताजा आदेश ने केएससीए को फिलहाल राहत दी है। इस मामले की गहन जांच के लिए सीआईडी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।