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कश्मीर टाइम्स पर छापेमारी: क्या है इसके पीछे की सच्चाई?

जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने कश्मीर टाइम्स के कार्यालय में छापेमारी की, जिसके पीछे राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के आरोप हैं। इस कार्रवाई ने मीडिया स्वतंत्रता पर नई बहस छेड़ी है। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई


गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने कश्मीर टाइम्स के जम्मू स्थित कार्यालय में तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई अखबार और उससे जुड़े व्यक्तियों पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते की गई।


तलाशी के दौरान क्या मिला?

अधिकारियों के अनुसार, एसआईए की टीम ने अखबार के परिसर का गहन निरीक्षण किया, जिसमें सभी दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों और कंप्यूटर सिस्टमों की जांच शामिल थी। तलाशी के दौरान, एजेंसी ने एके-सीरीज़ राइफल के कारतूस, पिस्तौल की गोलियां और अन्य सामग्री बरामद की, जिन्हें आगे की जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया गया।


अनुराधा भसीन का संदर्भ

सूत्रों के अनुसार, यह तलाशी उस समय की गई जब कश्मीर टाइम्स और उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। समाचार पत्र की संपादक अनुराधा भसीन ने पिछले वर्षों में कई बार सुर्खियां बटोरी हैं, विशेषकर अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में संचार प्रतिबंधों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के कारण।


उपमुख्यमंत्री का बयान

कश्मीर टाइम्स पर छापेमारी के बाद जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने कहा कि मीडिया संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई केवल तब होनी चाहिए जब आरोप पूरी तरह से साबित हो जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी ने गलत किया है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसे दबाव में या मनमाने तरीके से नहीं किया जाना चाहिए।


महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया

इस घटना पर पीडीपी नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा कि कश्मीर टाइम्स उन कुछ अखबारों में से एक है जो सत्ता के सामने सच बोलने से पीछे नहीं हटता। उन्होंने कहा कि राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के नाम पर अखबार के कार्यालय पर छापेमारी करना अनुचित और मनमाना है।


मीडिया स्वतंत्रता पर बहस

इस पूरी घटना ने जम्मू-कश्मीर में मीडिया स्वतंत्रता और प्रेस पर बढ़ते दबाव को लेकर नई बहस छेड़ दी है। आलोचक इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सीधे असर डालने वाली कार्रवाई मानते हैं। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि सभी बरामद सामग्री की जांच जारी है और आरोपों की पुष्टि के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।