कश्मीर में 40 साल बाद पंडितों का त्योहार, मुस्लिम समुदाय ने किया स्वागत
कश्मीर में दो महत्वपूर्ण घटनाएँ
2 अगस्त को कश्मीर में दो अलग-अलग घटनाएँ देखने को मिलीं। एक ओर, सेना ने ऑपरेशन अखल के तहत एक आतंकवादी को मार गिराया, वहीं दूसरी ओर, बडगाम में कश्मीरी पंडितों ने 40 साल बाद अपना त्योहार मनाया। यह एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि बडगाम जिले में पहली बार हिंदू त्योहार का आयोजन हुआ। कश्मीरी पंडितों ने वसाक नाग प्राचीन मंदिर में हवन कार्यक्रम का आयोजन किया, जो घाटी में हिंदू समुदाय की वापसी का प्रतीक माना जा रहा है। स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने भी इस अवसर पर खुशी जताई और अपने परिवारों के साथ इस त्योहार में शामिल हुए। ऐसे सामुदायिक प्रयासों से जम्मू-कश्मीर के सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है।
मुस्लिम समुदाय का समर्थन
मुस्लिमों ने किया स्वागत
बडगाम के निवासी अशराज गनी ने कहा कि हमें इस पल की खुशी का वर्णन करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। पंडितों के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय भी इस त्योहार को लेकर खुश है। 40 साल बाद ऐसा आयोजन हो रहा है, और हमने उनका समर्थन किया है। गनी ने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि पंडित यहाँ रहें, इससे अमन चैन बढ़ेगा।
श्रद्धालुओं की खुशी
ऐसा मौका बार-बार आए
मंदिर में उपस्थित श्रद्धालु शांति भट्ट ने कहा कि वासुकी नाग की मूर्ति की स्थापना से उन्हें बहुत खुशी हुई है। उन्होंने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि ऐसा अवसर बार-बार आए। भट्ट ने स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें यहाँ कोई डर नहीं है।
सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी
जारी है सेना का ऑपरेशन
कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल क्षेत्र में देर रात सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसके बाद से सेना ने इस क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी रखा है। रात भर आतंकियों ने गोलीबारी की, जिसका सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। सुरक्षा बलों ने अब तक एक आतंकवादी को मार गिराया है। इस सर्च ऑपरेशन में SOG, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और CRPF की टुकड़ी शामिल है।