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कांगो और रवांडा के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता

कांगो और रवांडा ने अमेरिका की मध्यस्थता में एक महत्वपूर्ण शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य वर्षों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करना और कांगो के पूर्वी क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना है। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने शत्रुता समाप्त करने और सशस्त्र समूहों को समर्थन बंद करने का संकल्प लिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे क्षेत्र में शांति और समृद्धि का नया अध्याय बताया।
 

कांगो-रवांडा शांति समझौते का महत्व

कांगो-रवांडा शांति समझौते : अफ्रीका के दो पड़ोसी देशों, कांगो और रवांडा ने शुक्रवार को अमेरिका की मध्यस्थता में एक महत्वपूर्ण शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और रवांडा के बीच वर्षों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और कांगो के पूर्वी क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इसे अमेरिकी सरकार और कंपनियों के लिए खनिज संपन्न क्षेत्र में पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस समझौते में दोनों देशों ने शत्रुता समाप्त करने और सशस्त्र समूहों को समर्थन बंद करने का संकल्प लिया है।

समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए और बाद में ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “आज से हिंसा और विनाश का अंत हो गया है, और पूरे क्षेत्र में आशा, अवसर, सद्भाव, समृद्धि और शांति का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।” इस मौके पर रुबियो, उप राष्ट्रपति जेडी वेंस, कांगो की विदेश मंत्री थेरेसा काइकवाम्बा वैगनर और रवांडा की विदेश मंत्री ओलिवियर नदुहुंगिरेहे भी उपस्थित थे।

समझौते के बाद आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वैगनर ने कहा, “कुछ घाव भर जाएंगे, लेकिन उनके निशान शायद कभी न मिटें।”

यह समझौता रवांडा समर्थित एम23 विद्रोही समूह द्वारा खनिज-समृद्ध पूर्वी कांगो के बड़े हिस्से पर कब्जे के अंत का संकेत दे सकता है।