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कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, बिहार में मतदाता सूची की पारदर्शिता पर चिंता

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार में मतदाता सूची से गैर नागरिकों के नाम हटाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का भी जिक्र किया। उन्होंने चुनाव आयोग पर सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। इस बीच, बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा भी की गई है। जानें इस मामले में और क्या कुछ कहा गया है।
 

कांग्रेस का चुनाव आयोग पर हमला

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा है कि मतदाता सूची में गैर नागरिकों के नाम हटाने के लिए गहन पुनरीक्षण की आवश्यकता है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि आयोग में यह जानकारी साझा करने की हिम्मत नहीं है कि बिहार में कितने गैर नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।


जयराम रमेश ने कहा कि यदि चुनाव आयोग यह जानकारी देता, तो उसकी स्थिति और भी कमजोर होती। उन्होंने बताया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार से फिर से शुरू हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने एक समाचार पत्र में प्रकाशित लेख की तस्वीर भी साझा की, जिसमें एसआईआर प्रक्रिया का विश्लेषण किया गया है। इस विश्लेषण में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप ने मताधिकार से वंचित होने की आशंकाओं को कम किया है, लेकिन एसआईआर प्रक्रिया में अभी भी पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी है।




बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा

विपक्ष ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया का कड़ा विरोध किया है। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि किसी भी योग्य नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं रखा जाएगा और किसी भी अपात्र व्यक्ति को सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की, जिसके अनुसार 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी।