कांवड़ यात्रा 2025: उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा के लिए सख्त नियम लागू किए
कांवड़ यात्रा 2025 की सुरक्षा व्यवस्था
कांवड़ यात्रा 2025 समाचार: सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने कड़े कदम उठाए हैं। यात्रा के दौरान सुरक्षा, शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने मेरठ जोन सहित अन्य जिलों में कांवड़ियों पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। कांवड़िए यात्रा के दौरान त्रिशूल, हॉकी स्टिक, डंडा या किसी भी प्रकार के हथियार नहीं ले जा सकेंगे। यह निर्णय मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत जैसे जिलों में लागू किया गया है, जहां हर साल लाखों कांवड़िए यात्रा करते हैं।
निर्णय का कारण
हाल के वर्षों में कांवड़ यात्रा के दौरान हुई हिंसक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। कुछ कांवड़िए यात्रा को धार्मिक आस्था के बजाय शक्ति प्रदर्शन और गुंडागर्दी का माध्यम बना लेते हैं। कई स्थानों पर डीजे बजाकर सड़कों पर हंगामा करना, झगड़ा करना और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आम हो गया है। इस साल भी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों द्वारा उपद्रव की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें आम नागरिक भी घायल हुए। इन घटनाओं को देखते हुए पुलिस को यात्रा मार्गों पर अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा।
मेरठ जोन के एडीजी का बयान
मेरठ जोन के एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी कांवड़िया प्रतीकात्मक रूप से भी हथियार लेकर यात्रा नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "चाहे वह त्रिशूल हो, लाठी हो, हॉकी स्टिक हो या कोई अन्य हथियार जैसी वस्तु। इन सभी पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।"
सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम
पुलिस ने न केवल हथियारों पर, बल्कि बिना साइलेंसर वाली मोटरसाइकिलों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले वर्षों में देखा गया है कि कई कांवड़िए साइलेंसर हटाकर मोटरसाइकिल चलाते हैं, जिससे भारी ध्वनि प्रदूषण होता है और आम जनता को असुविधा होती है। अब ऐसे वाहनों के खिलाफ चालान और वाहन जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की तैयारी
इस बार यात्रा मार्ग पर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जिलों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है, संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और हर जिले में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने कांवड़ यात्रा आयोजकों और शिवभक्तों से शांतिपूर्वक यात्रा करने, किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन न करने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।