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कांवड़ यात्रा के दौरान मुरादाबाद में ढाबा मालिक की धोखाधड़ी का मामला

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान मुरादाबाद जिले में एक ढाबा मालिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। 'नीलकंठ फैमिली ढाबा' के असली मालिक का नाम शराफत हुसैन पाया गया, जिससे स्थानीय प्रशासन और श्रद्धालुओं के बीच हंगामा मच गया। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस मामले की जांच की और ढाबा के बाहर असली पहचान वाला स्टिकर चिपका दिया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और प्रशासन की कार्रवाई के बारे में।
 

मुरादाबाद में धोखाधड़ी का मामला

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान, भोजनालयों पर मालिक का नाम और खाद्य सुरक्षा लाइसेंस प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। इसी बीच, मुरादाबाद जिले से एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां 'नीलकंठ फैमिली ढाबा' नामक रेस्टोरेंट के असली मालिक का नाम शराफत हुसैन पाया गया, जिससे स्थानीय प्रशासन और श्रद्धालुओं के बीच हंगामा मच गया। यह घटना मुजफ्फरनगर में हुई एक घटना के बाद आई है, जिसने पहले ही राजनीतिक बहस को जन्म दिया था और कांवड़ यात्रियों में गुस्से की लहर पैदा की थी।


मुण्डापांडे थाना क्षेत्र में ढाबा

यह ढाबा मुरादाबाद-लखनऊ हाईवे पर स्थित है, जो मुण्डापांडे थाना क्षेत्र में आता है। इस राजमार्ग पर कांवड़ यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु बरेली तक पैदल यात्रा करते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा की जा रही विशेष निरीक्षण मुहिम के तहत यह मामला सामने आया।


खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त राजवंश श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम ने ढाबों और होटलों की स्वच्छता और वैधता की जांच की। 'नीलकंठ फैमिली ढाबा' के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि इस नाम से संचालित ढाबा असल में शराफत नामक व्यक्ति चला रहा था, जो भगवान शिव के नाम से जुड़े ब्रांड की आड़ में पेश कर रहा था।


अधिकारियों की चेतावनी

जब अधिकारियों ने ढाबा मालिक से लाइसेंस दिखाने को कहा, तो नाम तो नीलकंठ ढाबा था, लेकिन असली मालिक शराफत हुसैन निकला। हकीकत सामने आते ही शराफत अधिकारियों से गिड़गिड़ाते हुए बोला कि वह नाम बदल देगा। खाद्य सुरक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का पालन करते हुए शराफत को सख्त चेतावनी दी और 'फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप' के जरिए उसकी असली पहचान वाला स्टिकर ढाबे के बाहर चिपका दिया। राजवंश श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि ढाबा रजिस्टर्ड है और असली मालिक की पहचान वाला स्टिकर लगा दिया गया है। या तो नाम बदला जाए या ढाबा बंद किया जाए।