कांवड़ यात्रा पर पहचान विवाद: जयंत चौधरी का बयान
कांवड़ यात्रा का आगाज और पहचान विवाद
कांवड़ यात्रा पर उठे सवाल: इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है, जिसके साथ ही कांवड़ यात्रा का आयोजन भी शुरू होगा। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर होटल और ढाबा संचालकों को अपनी पहचान बताना अनिवार्य कर दिया गया है। इस मुद्दे पर प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मची हुई है। केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मेरठ में कांवड़ यात्रा से जुड़े पहचान विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जयंत चौधरी का बयान
‘किसी को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए’
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि कुछ हिंदू संगठन ढाबा मालिकों की नाम प्लेट और आधार कार्ड की जांच कर रहे हैं, तो इस पर जयंत चौधरी ने कहा, ‘किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाना चाहिए, हमें सौहार्द बनाए रखना चाहिए।’ उन्होंने अखिलेश यादव के इस बयान पर कि कांवड़ियों के लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है, कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी लोग सुरक्षित हैं।
मेरठ में नए अध्याय की शुरुआत
जयंत चौधरी का उद्घाटन कार्यक्रम
जयंत चौधरी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय और आईआईटी रोपड़ के बीच हुए एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर कहा कि मेरठ में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक अब किसानों के बीच रहेंगे और नए आविष्कार खेतों तक पहुंचेंगे। यह कार्यक्रम मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय की आधुनिक लैब के उद्घाटन के दौरान हुआ।