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कानपुर देहात में अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता, पुलिस कार्रवाई की निंदा

कानपुर देहात में अधिवक्ताओं ने अपनी सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। हाल ही में बनारस में एक अधिवक्ता के साथ हुई बर्बरता की घटना ने उन्हें भयभीत कर दिया है। अधिवक्ताओं ने जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर 11 सूत्री मांगें रखी हैं। उनका कहना है कि पुलिस द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे पर अधिवक्ताओं की एकजुटता और उनकी सुरक्षा की मांग ने न्याय व्यवस्था की गरिमा को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है।
 

अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर चिंता


कानपुर देहात। न्याय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ अधिवक्ता आज पूरे प्रदेश में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित और भयभीत हैं, जो कि एक स्वतंत्र देश में कभी सोचा नहीं गया था। यह विचार मुलायम सिंह यादव, अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात ने जनपद के सभी अधिवक्ताओं के साथ मिलकर न्याय कार्य से विरत रहकर बनारस में एक अधिवक्ता के साथ हुई घटना के खिलाफ जिला अधिकारी कानपुर देहात और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट देश दीपक को महामहिम राज्यपाल को 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपते समय व्यक्त किए।



उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं और उनके परिवारों पर अदालत के भीतर और बाहर बिना किसी कारण के जानलेवा हमले हो रहे हैं। हाल ही में बनारस में पुलिस द्वारा की गई बर्बरता न्यायिक व्यवस्था की गरिमा के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून के शासन को बनाए रखने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और पुलिस द्वारा बार-बार किए जाने वाले दुर्व्यवहार अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और सम्मान पर सीधा हमला है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


ज्ञापन देते समय प्रमुख रूप से महामंत्री घनश्याम सिंह राठौर, रमेश चंद्र सिंह गौर, धर्मेंद्र सिंह यादव, अमित शुक्ला, रोहित कुमार शुक्ला, उपदेश कुमार यादव, वकार अहमद, वीरेंद्र सिंह कटियार, बृजेंद्र कुमार सिंह चौहान, महेंद्र कुमार पाल, संतराम सिंह, दिनेश संखवार, डीके सिंह, रजनी पांडे, प्रीति त्रिपाठी, महेंद्र सिंह आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।