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कानपुर में 47,600 करोड़ रुपये की नई एलिवेटेड रेलवे परियोजना का आगाज़

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक नई एलिवेटेड रेलवे ट्रैक परियोजना का उद्घाटन किया गया है, जिसकी लागत 47,600 करोड़ रुपये है। यह परियोजना शहर के यातायात को सुगम बनाने का वादा करती है, जिससे निवासियों को लंबे समय से चल रही ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी। मंधना से अनवरगंज के बीच बनने वाले इस ट्रैक के साथ, कई प्रमुख बाजारों और इलाकों को लाभ होगा। रेलवे मंत्रालय ने इसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
 

कानपुर के लिए नई रेलवे ट्रैक परियोजना

नई एलिवेटेड रेलवे ट्रैक: 47,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मिली मंजूरी: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। लंबे समय से ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहे शहरवासियों को अब जल्द ही बेहतर यातायात की सुविधा मिलने वाली है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंधना से अनवरगंज के बीच एक एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के निर्माण को हरी झंडी दे दी है।


रेलवे विभाग ने इस परियोजना को स्वीकृति दी है, और 15 मई को जारी टेंडर में कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों ने भाग लिया है। टेंडर की अंतिम तिथि 30 जुलाई है, जिसके बाद निर्माण कार्य आरंभ होगा। यह परियोजना कानपुर के यातायात को सुगम बनाने और शहर के विकास को नई दिशा देने का वादा करती है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में 47,600 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया, जिसमें मेट्रो, बिजली परियोजनाएं, और यह एलिवेटेड रेलवे कॉरिडोर शामिल हैं।


मंधना-अनवरगंज ट्रैक शहर के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को जोड़ने का कार्य करेगा, जो अब तक बुनियादी ढांचे की कमी के कारण अलग-थलग थे। इस रूट पर प्रतिदिन 55 से अधिक ट्रेनें और 15 लाख वाहन क्रॉसिंग का सामना करते हैं, जिससे हर 30 मिनट में यातायात बाधित होता है।


इस ट्रैक के साथ, कल्याणपुर और रावतपुर स्टेशनों को हटाकर सीएसजेएम विश्वविद्यालय के सामने एक आधुनिक स्टेशन बनाया जाएगा, जिसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा। यह स्टेशन मेट्रो से भी जुड़ा होगा।


यह परियोजना गुमटी नंबर 5, 80 फीट रोड, रावतपुर, पी रोड, कल्याणपुर, सरोजिनी नगर, फजलगंज, गुरुदेव चौराहा, और केशवपुरम जैसे 24 से अधिक बाजारों और इलाकों को सीधा लाभ पहुंचाएगी। प्रतिदिन 40,000 से अधिक सरकारी कर्मचारी और 300 से ज्यादा एंबुलेंस इस मार्ग पर निर्भर हैं, जिन्हें अब ट्रैफिक की समस्या से राहत मिलेगी।


रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यदि यह समय पर पूरा हुआ, तो कानपुर का यातायात तंत्र पूरी तरह बदल जाएगा, जिससे लाखों लोगों को स्थायी राहत मिलेगी।