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किम जोंग उन ने सुरक्षा टीम में किया बड़ा बदलाव, जानें इसके पीछे की वजह

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने हाल ही में अपनी सुरक्षा टीम में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह निर्णय वैश्विक तनाव और ईरान के सैन्य अधिकारियों की हत्या के बाद लिया गया है। नई सुरक्षा टीम में एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल हैं, जो पहले कई देशों में सुरक्षा मिशनों में काम कर चुके हैं। इस बदलाव का उद्देश्य किम की सुरक्षा को और मजबूत करना है। जानें इस फैसले के पीछे की रणनीति और किम की सुरक्षा व्यवस्था की जटिलता के बारे में।
 

किम जोंग उन की सुरक्षा में बदलाव

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। वैश्विक तनाव के बढ़ने, विशेषकर ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की हालिया हत्या के बाद, किम ने अपने मुख्य अंगरक्षक समेत पूरी सुरक्षा टीम को बदलने का निर्णय लिया है। यह कदम जासूसी के बढ़ते खतरे और संभावित हमले की आशंका के मद्देनजर उठाया गया है।


उत्तर कोरिया का कट्टर रुख और अमेरिका, जापान तथा दक्षिण कोरिया के साथ उसकी दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में किम जोंग उन का यह कदम उनकी सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं और सतर्कता का संकेत है.


सुरक्षा टीम में बदलाव का कारण

नॉर्थ कोरिया की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हाल ही में किम जोंग उन ने एक निरीक्षण दौरे के दौरान नई सुरक्षा टीम के साथ नजर आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के शीर्ष कमांडरों की हत्या की खबरों के बाद किम ने यह बड़ा निर्णय लिया। हालांकि, इस बदलाव पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.


किम का नया अंगरक्षक

किम के नए मुख्य अंगरक्षक की पहचान गुप्त रखी गई है। बताया गया है कि यह एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हैं, जिन्होंने पहले सिंगापुर, वियतनाम और रूस में सुरक्षा से जुड़े मिशनों में काम किया है। उन्हें किम का बेहद भरोसेमंद व्यक्ति माना जाता है और अब उन्हें किम की सुरक्षा का नेतृत्व सौंपा गया है.


पुराने अंगरक्षक की नई नियुक्ति

किम ने अपने पुराने प्रमुख अंगरक्षक किम चोल ग्यू को हटाकर उन्हें स्टेट अफेयर्स कमीशन के गार्ड विभाग में नियुक्त किया है। यह बदलाव केवल नाममात्र का नहीं, बल्कि पूरी सुरक्षा रणनीति का पुनर्गठन दर्शाता है.


किम जोंग की सुरक्षा व्यवस्था की जटिलता

किम की सुरक्षा को दुनिया की सबसे जटिल और लेयर आधारित सुरक्षा व्यवस्थाओं में से एक माना जाता है। उनके चारों ओर 12 विशेष गार्ड्स हमेशा तैनात रहते हैं, जिन्हें हथियार ले जाने की अनुमति होती है। इसके अलावा, 200 से 300 जवानों की 'एडजुटेंट्स' नाम की फोर्स अलग-अलग समय पर सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाती है। खास बात यह है कि किम के अंगरक्षकों की लंबाई किम जितनी होती है, ताकि उन्हें भीड़ में आसानी से टारगेट न किया जा सके.


इस फैसले का महत्व

पश्चिम एशिया में चल रही टारगेट किलिंग की घटनाओं के मद्देनजर, उत्तर कोरिया जैसे संवेदनशील देश अब अपनी सुरक्षा रणनीतियों को और अधिक सख्त बना रहा है। किम जोंग उन की सुरक्षा में यह बदलाव न केवल एक सैन्य रणनीति है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक कड़ा संदेश भी है.