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किसानों का अनिश्चितकालीन महापड़ाव: 5वें दिन भी जारी

भिवानी में किसानों का अनिश्चितकालीन महापड़ाव 5वें दिन भी जारी है। विभिन्न किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि कृषि कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर एक कंपनी ने 350 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम में धोखाधड़ी की है। इसके अलावा, भारी बारिश के कारण जल भराव की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और किसानों की मांगें।
 

किसानों की आर-पार की लड़ाई


भिवानी, 20 जुलाई: विभिन्न किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों का अनिश्चितकालीन महापड़ाव लोहारू एसडीएम कार्यालय के सामने 5वें दिन में प्रवेश कर गया है। किसान दिन-रात अपने टेंट में रहकर अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।


महापड़ाव में नेताओं का संबोधन

महापड़ाव को संबोधित करते हुए पूर्व जिला परिषद चैयरमैन राजबीर टोडा ढाणी, किसान नेता मास्टर जगरोशन, डा. बलबीर ठाकन, पूर्व प्रिसिंपल पृथ्वी सिंह गोठड़ा, अशोक आर्य एडवोकेट और धर्मपाल बारवास ने आरोप लगाया कि खरीफ फसल 2023 के लिए क्षेमा कंपनी ने कृषि कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर भिवानी और दादरी के किसानों के साथ 350 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम में बड़ा धोखा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है।


भारी बारिश और किसानों की मांगें

किसान नेताओं ने इस धोखाधड़ी की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है, साथ ही दोषियों को सजा दिलाने और धोखाधड़ी की राशि को किसानों के खातों में डालने की भी मांग की है। उन्होंने बताया कि बवानीखेड़ा, भिवानी और दादरी के कई गांवों में भारी बारिश के कारण जल भराव हो गया है, जबकि बाढ़ड़ा, लोहारु और तोशाम में नहरी पानी की कमी है। जिला प्रशासन और सरकार को चाहिए कि वे योजना बनाकर बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत दें और सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में पानी भेजें। इसके अलावा, किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया और डीएपी खाद शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।