किसानों का महापड़ाव: पूर्व मंत्री पर आरोप और नई कमेटी का गठन
किसानों की बैठक और आरोप
लोहारू में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित अनिश्चितकालीन महापड़ाव को 92 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकार का कोई प्रतिनिधि किसानों से मिलने नहीं आया है। इस स्थिति से किसानों में गहरा रोष है, और उन्होंने पूर्व मंत्री की संलिप्तता को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। बुधवार को धरनास्थल पर एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कुछ सदस्यों पर भीतरघात करने का आरोप लगाया गया।
किसानों ने पुरानी कमेटी को भंग करने का निर्णय लिया है और कई सदस्यों ने इस्तीफा देने की इच्छा जताई है। नई कमेटी के गठन के बाद 17 अक्टूबर को पूर्व मंत्री के आवास का घेराव करने की योजना बनाई गई है। इस बैठक में कई किसान नेताओं ने भाग लिया और अपनी बात रखी।
किसानों का संघर्ष
किसानों का कहना है कि पूर्व मंत्री की अगुवाई में 2023 के बीमा क्लेम में 350 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। वे इस मुद्दे पर संघर्षरत हैं, लेकिन कुछ किसान नेता पूर्व मंत्री के साथ मिलकर किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। किसानों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि 17 अक्टूबर को महापंचायत में नई कमेटी का गठन किया जाएगा।
आंदोलन जारी रहेगा
किसानों ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक उनके फसलों के क्लेम घोटाले की जांच नहीं होती और उनके खातों में क्लेम का पैसा नहीं डाला जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने मंडियों में बाजरे, मूंग, ग्वार और कपास की खरीद में देरी पर चिंता व्यक्त की और सरकार से समय पर खाद और उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने की मांग की।