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किसानों के लिए समस्या बनी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल का डाटा मिसमैच

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर डाटा मिसमैच की समस्या किसानों के लिए गंभीर बन गई है। लगभग 30 हजार एकड़ रकबाधारक किसानों का डाटा सही नहीं हो पा रहा है, जिससे उन्हें सरकारी मूल्य पर बाजरा बेचने में कठिनाई हो रही है। प्रशासन ने इस समस्या के समाधान के लिए विशेष टीमें गठित की हैं और किसानों से अपील की है कि वे अपने ब्यौरे की जांच करें। जानें इस मुद्दे पर और क्या कदम उठाए जा रहे हैं और किसानों को राहत देने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
 

किसानों की समस्याओं का समाधान


बाढड़ा क्षेत्र में खरीफ सीजन 2025 के दौरान बाजरा उत्पादक किसानों के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आवेदन करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। उपमंडल में चकबंदी न होने के कारण लगभग 30 हजार एकड़ रकबाधारक किसानों का डाटा मिसमैच हो गया है। सरल केन्द्र के कर्मचारी दिन-रात इस डाटा को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही 2688 संदिग्ध पंजीकरण की जांच के लिए विशेष टीमें भी सक्रिय हैं। राजस्व विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी समस्या के लिए राजस्व विभाग या सीएससी केन्द्र पर जाकर अपना ब्यौरा जांचें।


बाजरा की बिक्री में आ रही बाधाएं

इस खरीफ सीजन में सबसे अधिक बाजरा बोया गया था, लेकिन लगातार बारिश के कारण किसानों को अपनी फसल सरकारी मूल्य पर बेचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत रकबा और राजस्व विभाग की गिरदावरी रिपोर्ट में असंगति के कारण डाटा मिसमैच हो गया है। जब किसान मंडी में अपना ब्यौरा लेते हैं, तो उनके रिकॉर्ड मेल नहीं खाते, जिससे उन्हें परेशानी होती है। किसानों ने एसडीएम और तहसीलदार को इस समस्या के बारे में बताया, जिसके बाद प्रशासन ने राजस्व और कृषि विभाग की टीमों को गठित किया।


संदिग्ध डाटा की जांच

राजस्व विभाग अब संदिग्ध डाटा की जांच कर रहा है, जिसमें कुछ लोग बिना मालिक बने दूसरों की भूमि पर मुआवजा या एमएसपी दरों पर अनाज बेच रहे हैं। एसडीएम आशीष सांगवान और राजस्व अधिकारी राजकुमार के निर्देश पर विभाग ने बाजरा उत्पादक किसानों के आवेदन प्राप्त कर नई रिपोर्ट तैयार की है। इससे लगभग 20 हजार किसानों को राहत मिली है।


डाटा सुधार की प्रक्रिया

सरल केन्द्र के तकनीकी प्रभारी बिशंबर ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। एमएसपी के लिए अनाज बेचने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। पहले चरण में जिले से बाहर के फर्जी पंजीकरण को हटाने का अभियान चलाया गया है। दूसरे चरण में सामान्य त्रुटियों वाले किसानों का रकबा दुरुस्त किया गया है, और अब संदिग्ध किसानों के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।