किसानों ने केंद्र सरकार पर किया विरोध प्रदर्शन, आत्मनिर्भरता की मांग
किसानों की समस्याओं पर केंद्रित प्रदर्शन
- किसानों की आत्मनिर्भरता की बजाय पूंजीपतियों को प्राथमिकता: जोगेन्द्र नैन
Charkhi Dadri News - भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष जोगेन्द्र नैन ने कहा कि सरकारें केवल अपने हितों की रक्षा कर रही हैं, जबकि किसानों का शोषण मंडियों में हो रहा है। आढ़ती भी सरकार के इशारे पर खरीदारी को कम कर रहे हैं। यह पहली बार है जब विश्व बैंक से लिए गए ऋण का बोझ किसानों पर डाला जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के बजाय केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही हैं।
उन्होंने श्योराण खाप पच्चीस के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह बेरला की अध्यक्षता में आयोजित 85वें बेमियादी धरने को संबोधित करते हुए कहा कि बाढड़ा अनाज मंडी में किसानों की उपज, जैसे बाजरा, बेकार पड़ी है।
बड़े उद्योगपतियों का ऋण माफ किया गया, किसानों की अनदेखी
किसानों को अपनी पीढ़ी के भविष्य की रक्षा के लिए सजग रहना चाहिए। प्रधानमंत्री एक ओर आत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं, जबकि प्राकृतिक आपदाओं के समय किसानों को मुआवजा देने में कंजूसी बरती जा रही है। यह सरकार की योजना है ताकि किसान अपनी भूमि बेचने पर मजबूर हों।
किसान देश का पेट भरने वाली कौम
किसानों को अनाज बेचने और नुकसान की भरपाई के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। पूर्व अध्यक्ष रघबीर श्योराण ने कहा कि किसान देश का पेट भरने वाली कौम है, जो प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रही है। सरकार से मांग की गई है कि पानी की निकासी के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
किसानों को आर्थिक सहायता देने की आवश्यकता है। सरकार ने चुनावी वर्ष में बीमा क्लेम में भारी कटौती की है, जिसके खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी है।