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कुलगाम में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन: सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को ढेर किया

कुलगाम जिले में चलाए जा रहे 'ऑपरेशन अखल' में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। इस संयुक्त कार्रवाई में भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस शामिल हैं। ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग की, जिसके जवाब में मुठभेड़ हुई। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अभी भी कुछ आतंकियों की मौजूदगी हो सकती है। इस ऑपरेशन के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। जानें इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों के बारे में।
 

कुलगाम में ऑपरेशन अखल की सफलता

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में चलाए जा रहे 'ऑपरेशन अखल' में सुरक्षा बलों ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। देवसर क्षेत्र के अखल जंगल में शुक्रवार शाम को शुरू हुई इस संयुक्त कार्रवाई में दो आतंकियों को मार गिराया गया। इनमें से एक की पहचान पुलवामा निवासी हारिस नजीर के रूप में हुई है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और सुरक्षा एजेंसियों की 'कैटेगरी-C' लिस्ट में शामिल था।


सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई

यह ऑपरेशन भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत शुरू हुआ। आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान आरंभ किया। घने जंगल और अंधेरे के कारण ऑपरेशन में चुनौतियाँ थीं, लेकिन सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभालते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया।


तलाशी अभियान में मुठभेड़

शुक्रवार को शुरू हुआ तलाशी अभियान जैसे ही अखल के घने जंगल में आगे बढ़ा, छिपे हुए आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में भारतीय जवानों ने भी मोर्चा संभाला और जबरदस्त फायरिंग हुई। इसी दौरान एक आतंकी मारा गया। इसके बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया.


रातभर चलती रही गोलीबारी

अधिकारियों के अनुसार, रातभर रुक-रुक कर फायरिंग होती रही। शनिवार सुबह लगभग 4 बजे 20 मिनट तक भीषण गोलीबारी हुई, जिसके बाद स्थिति कुछ समय के लिए शांत हो गई। अंधेरे के कारण रात में खोजी अभियान को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा, लेकिन सुबह होते ही सुरक्षा बलों ने फिर से कार्रवाई शुरू की।


आतंकियों की संभावित मौजूदगी

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि कम से कम 2 से 3 विदेशी आतंकी अभी भी जंगल के अंदर छिपे हो सकते हैं। जवान लगातार फायरिंग कर रहे हैं ताकि आतंकियों को बाहर निकलने से रोका जा सके। पूरे इलाके में भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है और जंगल के हर कोने की सघन तलाशी ली जा रही है।


काउंटर-टेरर ऑपरेशन की बढ़ती रफ्तार

जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंक विरोधी अभियानों की गति बढ़ गई है। कुछ दिन पहले ही पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया गया था, जिसमें दो आतंकी मारे गए थे।


बारूदी सुरंग का विस्फोट

इससे पहले 25 जुलाई को कृष्णा घाटी सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान बारूदी सुरंग के विस्फोट में भारतीय सेना के अग्निवीर ललित कुमार शहीद हो गए थे। हालांकि जुलाई में हिंसा की घटनाएं वसंतकाल की तुलना में कम रही हैं, लेकिन जून के मुकाबले आंकड़े बढ़े हैं।


आतंक का सफाया करने की सरकार की मंशा

कुलगाम में जारी ऑपरेशन अखल और अन्य हालिया मुठभेड़ों से सरकार की यह मंशा साफ झलकती है कि जम्मू-कश्मीर से आतंक का सफाया हर हाल में किया जाएगा। सुरक्षा बलों ने ऐलान किया है कि इलाके में छिपे आखिरी आतंकी को भी ढूंढ़ कर खत्म किया जाएगा और क्षेत्र में शांति बहाल की जाएगी।


नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान

अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। घने जंगल में ऑपरेशन चल रहा है ताकि आबादी वाले इलाकों में किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।