×

कृषि मंत्रालय ने आलू की चार नई उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों को दी मंजूरी

कृषि मंत्रालय ने आलू की चार नई किस्मों को मंजूरी दी है, जो देश की आलू उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक होंगी। इन किस्मों में कुफरी रतन, कुफरी तेजस, कुफरी चिपभारत-1 और कुफरी चिपभारत-2 शामिल हैं। प्रत्येक किस्म की विशेषताएँ और उपज क्षमता के बारे में जानकारी दी गई है। इस कदम को आलू क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।
 

केंद्रीय बीज समिति की सिफारिशों पर आधारित मंजूरी


नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने देश में आलू की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रीय बीज समिति की सिफारिशों के आधार पर चार नई आलू किस्मों को कृषि उपयोग के लिए मंजूरी दी है। आधिकारिक बयान के अनुसार, ये किस्में केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई हैं और इन्हें बीज उत्पादन और प्रवर्धन के लिए मंजूरी दी गई है।


आलू की नई किस्मों की विशेषताएँ


  1. कुफरी रतन: यह मध्यम परिपक्वता वाली किस्म है, जो 90 दिन में तैयार होती है। इसकी उपज 37-39 टन प्रति हेक्टेयर होती है। यह लाल छिलके वाली है और उत्तर भारतीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इसके कंद आकर्षक और पीले गूदे वाले होते हैं।

  2. कुफरी तेजस: यह गर्मी सहन करने वाली किस्म है, जो 90 दिन में तैयार होती है। इसकी उपज 37-40 टन प्रति हेक्टेयर है। यह सफेद क्रीम, अंडाकार कंद और उच्च भंडारण क्षमता वाली है।

  3. कुफरी चिपभारत-1: यह चिप प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त है और 100 दिन में तैयार होती है। इसकी उपज 35-38 टन प्रति हेक्टेयर है। इसमें उच्च शुष्क पदार्थ और कम शर्करा की मात्रा होती है।

  4. कुफरी चिपभारत-2: यह जल्दी पकने वाली किस्म है, जो 90 दिन में तैयार होती है। इसकी उपज 35-37 टन प्रति हेक्टेयर है और यह चिप प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त है।


वैज्ञानिकों को बधाई

आईसीएआर-सीपीआरआई के निदेशक ब्रजेश सिंह ने वैज्ञानिकों की टीम को उनके समर्पण और आलू आधारित उद्योगों में योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये नई किस्में भारत के आलू क्षेत्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।