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केंद्र सरकार की एडवाइजरी: अश्लील कंटेंट पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है। यदि कंपनियां अश्लील, भद्दे और गैर-कानूनी सामग्री पर रोक नहीं लगातीं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय ने कंपनियों को अपने कंप्लायंस फ्रेमवर्क की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। मद्रास हाईकोर्ट ने भी सुझाव दिया है कि भारत में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर रोक लगाई जाए। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

कंपनियों को चेतावनी: कार्रवाई न करने पर कानूनी कार्रवाई


केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने कंपनियों को चेतावनी दी है कि यदि वे अश्लील, भद्दे, पोर्नोग्राफिक, बच्चों के यौन शोषण से संबंधित और गैर-कानूनी सामग्री पर रोक नहीं लगातीं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


कंप्लायंस फ्रेमवर्क की समीक्षा का निर्देश

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने यह एडवाइजरी सोमवार को जारी की। इसमें इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स को आईटी एक्ट के तहत अपने कंप्लायंस फ्रेमवर्क की समीक्षा करने के लिए कहा गया है।


कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकती हैं कंपनियां

यदि सोशल मीडिया कंपनियां नियमों का पालन नहीं करतीं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। केवल कंपनियों पर ही नहीं, बल्कि प्लेटफॉर्म और उपयोगकर्ताओं पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।


अश्लील सामग्री की पहचान और हटाने में तेजी लाने की आवश्यकता

कई प्लेटफॉर्म अश्लील सामग्री को पहचानने और हटाने में लापरवाही बरत रहे हैं। इसलिए, कंपनियों को अब नियमित और त्वरित कार्रवाई करनी होगी। सरकार चाहती है कि सोशल मीडिया पर कोई भी व्यक्ति ऐसा सामग्री न डाले या साझा न करे।


मद्रास हाईकोर्ट का सुझाव: बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर रोक

मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि भारत में भी 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर रोक लगाई जाए, जैसा कि ऑस्ट्रेलिया में किया गया है। कोर्ट ने इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता बताई। यह सुझाव नाबालिगों के लिए ऑनलाइन पोर्नोग्राफिक सामग्री की उपलब्धता के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया।