केंद्रीय वित्त मंत्री ने पेश किया नया आयकर विधेयक 2025
नया आयकर विधेयक 2025
नया आयकर विधेयक: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 पेश करने जा रही हैं, जो 63 साल पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा. यह नया विधेयक फरवरी 2025 में प्रस्तुत किए गए पुराने ड्राफ्ट का संशोधित और उन्नत संस्करण है, जिसे हाल ही में औपचारिक रूप से वापस लिया गया था.
सरकार के अनुसार, पुराने विधेयक को वापस लेकर नया विधेयक पेश करने का उद्देश्य कानूनी स्पष्टता और प्रक्रिया को सरल बनाना है. निर्मला सीतारमण ने बताया कि नए ड्राफ्ट में कई तकनीकी सुधार किए गए हैं, जैसे भाषा को सरल बनाना, क्रॉस-रेफरेंसिंग में सुधार और ड्राफ्टिंग में शुद्धता लाना. इस बदलाव का मुख्य कारण संसद की सेलेक्ट कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट है, जिसकी अध्यक्षता भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने की थी.
नए विधेयक की विशेषताएँ
क्या खास है नए विधेयक में?
अनाम दान (Anonymous Donations) अब केवल धार्मिक ट्रस्टों तक सीमित रहेंगे, जो केवल पूजा-पाठ करते हैं. सामाजिक सेवा करने वाले ट्रस्ट इसमें शामिल नहीं होंगे. आईटीआर की डेडलाइन के बाद भी TDS रिफंड प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, बिना किसी पेनल्टी के. टैक्स अधिकारियों को कोई कार्रवाई करने से पहले नोटिस देना और जवाब का अवसर देना अनिवार्य होगा.
एक डिजिटल और फेसलेस असेसमेंट प्रणाली शुरू की जाएगी, जिससे टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगेगा. पुराने कानून की जटिल भाषा को हटाकर सरल और समझने योग्य शब्दों का उपयोग किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
मंत्री किरेन रिजिजू ने क्या कहा?
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पुराने ड्राफ्ट पर किया गया कार्य बेकार नहीं गया है. उन्होंने बताया कि सेलेक्ट कमेटी ने 285 सुझाव दिए, जिनमें 32 बड़े बदलाव शामिल हैं. यदि इन्हें पुराने विधेयक में संशोधन के माध्यम से लागू किया जाता, तो हर एक बदलाव पर तीन प्रस्ताव लाने की आवश्यकता होती, जो व्यवहारिक नहीं था. इसलिए नया विधेयक लाकर समय और संसदीय प्रक्रिया दोनों को बचाया गया. सरकार का दावा है कि यह विधेयक भारत की प्रत्यक्ष कर प्रणाली (Direct Tax System) को आधुनिक, पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम होगा.