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केदारनाथ यात्रा फिर से शुरू, श्रद्धालुओं को 22 किलोमीटर पैदल चलना होगा

उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा एक बार फिर शुरू हो गई है, लेकिन श्रद्धालुओं को 22 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करनी होगी। प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चेतावनी जारी की है कि यदि बारिश होती है, तो यात्रा को फिर से रोका जा सकता है। जानें यात्रा की नई स्थिति और प्रशासन की अपील के बारे में।
 

केदारनाथ यात्रा का पुनः आरंभ

रुद्रप्रयाग/देहरादून: उत्तराखंड में हाल की भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बाधित भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग, बाबा केदारनाथ धाम की यात्रा अब फिर से आरंभ हो गई है। हालांकि, यात्रा मार्ग पूरी तरह से ठीक नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को पहले से अधिक पैदल यात्रा करनी पड़ेगी।


रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक (SP) सर्वेश सिंह पंवार ने बताया कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच मुख्य सड़क मार्ग को पैदल चलने के लिए तैयार कर दिया गया है। मार्ग खुलने के बाद, आज सोनप्रयाग से यात्रियों का पहला समूह गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया है।


एसपी पंवार ने स्पष्ट किया कि सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग अभी केवल पैदल यातायात के लिए खोला गया है, और वाहनों की आवाजाही अभी भी प्रतिबंधित है। जब तक यह मार्ग पूरी तरह से वाहनों के लिए नहीं खुल जाता, श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से लगभग 22 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करनी होगी।


इसके साथ ही, प्रशासन ने यात्रियों के लिए चेतावनी जारी की है। एसपी के अनुसार, यदि क्षेत्र में फिर से बारिश होती है, तो सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले मौसम विभाग के पूर्वानुमान की जानकारी अवश्य लें।


गौरतलब है कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच सड़क मार्ग पर भूस्खलन के कारण पिछले कई दिनों से केदारनाथ की यात्रा रुकी हुई थी। इस दौरान केवल केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को सुरक्षा बलों की मदद से वैकल्पिक पैदल मार्गों से निकाला जा रहा था।