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केरल पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया

केरल पुलिस ने हाल ही में चेन्नई से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जो एक ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी में शामिल थे। आरोपियों ने कन्नूर के एक डॉक्टर से 4.43 करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने बताया कि ये लोग व्हाट्सएप के जरिए एक फर्जी योजना चला रहे थे, जो निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करती थी। मामले की जांच जारी है और पुलिस ने कई बैंक खातों का पता लगाया है, जिनका उपयोग धोखाधड़ी में किया गया था।
 

साइबर धोखाधड़ी का बढ़ता खतरा

साइबर धोखाधड़ी: डिजिटल धोखाधड़ी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोगों को बचाने के लिए पुलिस सक्रियता से काम कर रही है। हाल ही में, केरल पुलिस ने चेन्नई से दो व्यक्तियों को ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है। इसमें कन्नूर के एक चिकित्सक से 4.43 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी, जिसकी जानकारी अधिकारियों ने दी है। कन्नूर साइबर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान महबूबाशा फारूक और रिजाज के रूप में हुई है।


इन दोनों को कन्नूर सिटी साइबर क्राइम पुलिस ने रविवार शाम को गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि ये लोग व्हाट्सएप के माध्यम से एक फर्जी योजना चला रहे थे, जो एक नकली ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करता था।


धोखाधड़ी की मनी बेनिफिट स्कीम

मनी बेनिफिट स्कीम से ठगी:


एक व्यक्ति ने बताया कि आरोपियों ने कन्नूर जिले के मट्टनूर में रहने वाले डॉक्टर को एक व्हाट्सएप ग्रुप के जाल में फंसाया। यह एक ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग योजना थी, जिसने अच्छे मुनाफे का वादा किया था। इसके पीछे मनी बेनिफिट स्कीम का संचालन किया जा रहा था, जिसमें विभिन्न बैंक खातों में धन जमा करने का निर्देश दिया गया था।


अधिकारी ने बताया कि उन्होंने आरोपियों द्वारा अपने खातों में जमा किए गए लगभग 40 लाख रुपये का पता लगाया है। इसके अलावा, पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी से अर्जित धन को ट्रांसफर करने के लिए 18 अन्य खातों का भी पता लगाया है। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है। उन्होंने बताया कि इस धन का एक हिस्सा विदेश में ट्रांसफर किया गया था। पुलिस ने साइबर क्राइम टीम के माध्यम से इस धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों और मोबाइल फोन का पता लगाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया।