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केरल में गर्भवती महिला की संदिग्ध मौत: पति और सास पर गंभीर आरोप

केरल के इरिंजलाकुडा में 23 वर्षीय गर्भवती महिला फसीला की संदिग्ध मौत ने स्थानीय समुदाय को हिला दिया है। उसकी लाश ससुराल की छत पर फांसी के फंदे से लटकी मिली। पति नौफल और उसकी मां पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप है। व्हाट्सएप संदेशों में फसीला ने घरेलू हिंसा की शिकायत की थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जनता से मदद की अपील की है। यह मामला गर्भवती महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार का एक बड़ा उदाहरण है।
 

केरल के इरिंजलाकुडा में हुई चौंकाने वाली घटना

केरल के इरिंजलाकुडा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 23 वर्षीय गर्भवती महिला फसीला की लाश उसके ससुराल की छत पर फांसी के फंदे से लटकी हुई पाई गई। यह घटना बुधवार को हुई, जिसने स्थानीय समुदाय को हिला कर रख दिया। पुलिस अब फसीला की मौत के कारणों की जांच कर रही है। मृतका के पति नौफल और उसकी मां पर आरोप है कि उन्होंने फसीला को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। पुलिस ने नौफल को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच तेजी से चल रही है.


फसीला की लाश संदिग्ध परिस्थितियों में मिली

फसीला, जो कोट्टापरमबिल की निवासी थी, की शादी नौफल से हुई थी और वह गर्भवती थी। बुधवार को उसकी लाश उसके ससुराल की छत पर फांसी से लटकी हुई मिली। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ससुराल में चल रहे तनाव और प्रताड़ना के कारण फसीला ने यह कदम उठाया हो सकता है।


व्हाट्सएप संदेशों ने घरेलू हिंसा का पर्दाफाश किया

स्थानीय मीडिया में वायरल हुए कुछ व्हाट्सएप संदेशों ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये संदेश फसीला ने अपनी मां को भेजे थे, जिनमें उसने पति नौफल पर घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे। इन संदेशों में फसीला ने अपनी मानसिक स्थिति के बारे में भी बताया था, जिसमें उसने कहा कि वह बेहद टूट चुकी है।


नौफल और उसकी मां पर आरोप

पुलिस ने नौफल को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया है, जबकि उसकी मां को सह-आरोपी के तौर पर नामित किया गया है। दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है और उनसे पूछताछ की जा रही है।


पुलिस ने जनता से मदद की अपील की

जांच अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी के पास फसीला से संबंधित कोई अतिरिक्त जानकारी है, तो वह पुलिस को सूचित करें। यह मामला केवल एक महिला की मौत का नहीं है, बल्कि गर्भवती महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार का एक बड़ा उदाहरण है, जिसे रोकना अत्यंत आवश्यक है।