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केरल में दलित मजदूर की हत्या: भीड़ हिंसा की एक और दुखद कहानी

केरल के पलक्कड़ जिले में एक दलित मजदूर की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। छत्तीसगढ़ के रामनारायण बघेल की जान पहचान की गलतफहमी के कारण गई। यह घटना प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और भीड़ हिंसा के मुद्दों को उजागर करती है। पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

दुखद घटना का विवरण


केरल के पलक्कड़ जिले में एक दुखद घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। छत्तीसगढ़ के एक गरीब दलित श्रमिक की जान एक पहचान की गलतफहमी के कारण चली गई।


भीड़ की हिंसा का शिकार

यह युवक न तो कोई अपराधी था और न ही विदेशी नागरिक। यह मामला प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा, सामाजिक डर और भीड़तंत्र की भयावह सच्चाई को उजागर करता है।


घटना का विवरण

यह घटना पलक्कड़ जिले में हुई, जहां एक समूह ने एक युवक को घेरकर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हमलावरों को संदेह था कि युवक बांग्लादेशी नागरिक है। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि उसे हाल ही में हुई चोरी के कारण चोर समझ लिया गया। मारपीट इतनी गंभीर थी कि युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।


मृतक की पहचान

मृतक की पहचान 31 वर्षीय रामनारायण बघेल के रूप में हुई है, जो छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के करही गांव का निवासी था। वह एक गरीब परिवार से था और रोजी-रोटी की तलाश में 13 दिसंबर को केरल आया था। रामनारायण निर्माण स्थल पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहा था। उसके परिवार में पत्नी ललिता और दो छोटे बेटे हैं।


परिवार पर दुखों का पहाड़

रामनारायण की मौत की खबर सुनते ही उसका गांव शोक में डूब गया। परिजन इस खबर से पूरी तरह टूट चुके हैं। रिश्तेदार किशन बघेल ने बताया कि रामनारायण को एक दूर के रिश्तेदार के बुलावे पर काम के लिए केरल भेजा गया था। उसकी पत्नी ललिता जैसे ही घटना की सूचना मिली, पलक्कड़ के लिए रवाना हो गई, लेकिन खबर लिखे जाने तक वह वहां नहीं पहुंच सकी थी।


पुलिस कार्रवाई

घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया, जिसे देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी। केरल पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि घटना के पीछे की असली वजह और घटनाक्रम को समझने के लिए गहन जांच की जा रही है। मृतक की पहचान आधार कार्ड से की गई, जिसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस को सूचना दी गई।


कानूनी प्रक्रिया

वालायार थाने में इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) के तहत केस दर्ज किया गया है। पोस्टमॉर्टम समेत सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रामनारायण का शव उसके पैतृक गांव भेजा जाएगा, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह घटना प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है और भीड़ हिंसा के खिलाफ सख्त कदमों की जरूरत को फिर से सामने लाती है।