केरल में मां और उसके साथी को नाबालिग बेटी के साथ यौन शोषण के लिए 180 साल की सजा
केरल में चौंकाने वाला मामला
तिरुवनंतपुरम: केरल में एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक मां ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ घिनौना व्यवहार किया। स्पेशल कोर्ट ने मां और उसके पुरुष साथी को मिलाकर 180 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 11.7 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह घटना पलक्कड़ और मलप्पुरम क्षेत्रों में हुई, जहां पीड़िता की उम्र केवल 12 वर्ष थी। कोर्ट ने उन्हें पॉक्सो एक्ट और अन्य संबंधित कानूनों के तहत दोषी ठहराया है।
घटना का विवरण
महिला की उम्र 30 वर्ष है और वह तिरुवनंतपुरम की निवासी है। पहले वह अपने पति और बेटी के साथ रहती थी, लेकिन बाद में उसने 33 वर्षीय पुरुष के साथ संपर्क किया और उसके साथ भाग गई। दोनों ने पलक्कड़ और मलप्पुरम में रहकर बच्ची के साथ कई बार यौन शोषण किया। यह सिलसिला दिसंबर 2019 से नवंबर 2020 तक चला और फिर दिसंबर 2020 से अक्टूबर 2021 तक जारी रहा। मां पर आरोप है कि उसने अपने साथी को अपराध करने के लिए उकसाया और बच्ची को उनके संबंधों को देखने के लिए मजबूर किया।
बच्ची को डराने-धमकाने के तरीके
महिला बच्ची को अश्लील वीडियो दिखाती थी और उसे बीयर पिलाकर चुप रहने के लिए मजबूर करती थी। वह बच्ची को धमकी देती थी कि उसके दिमाग में सीसीटीवी लगा है और अगर उसने किसी को बताया तो सब कुछ उजागर हो जाएगा। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में इन सभी आरोपों को साबित किया, और जज अशरफ एएम ने सभी आरोपों को सही पाया। दोनों को पॉक्सो एक्ट, आईपीसी और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया।
पुलिस की कार्रवाई
महिला ने मलप्पुरम थाने जाकर अपने माता-पिता पर आधार कार्ड न देने का आरोप लगाया। पुलिस ने दस्तावेज मांगने के लिए महिला के घर जाने का निर्णय लिया। जब पुलिस वहां पहुंची, तो आरोपी ने बच्ची को देखने से मना कर दिया। पड़ोसियों ने बताया कि बच्ची की स्थिति बहुत खराब है और उसे भोजन नहीं मिल रहा। इसके बाद चाइल्ड लाइन से संपर्क किया गया और बच्ची को स्नेहिता सेंटर भेजा गया, जहां उसने अपनी आपबीती सुनाई।
भंडाफोड़ की प्रक्रिया
विशेष लोक अभियोजक सोमसुंदरन ए ने बताया कि महिला अपने पति और बेटी के साथ तिरुवनंतपुरम में रहती थी और फोन पर आरोपी के संपर्क में आई थी। इसके बाद वह आरोपी के साथ भाग गई। जब पुलिस ने महिला के माता-पिता को सर्टिफिकेट देने के लिए बुलाया, तो उन्होंने बच्ची की स्थिति के बारे में जानकारी दी। इसके बाद चाइल्ड लाइन से संपर्क किया गया और बच्ची को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।