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केरल में स्थानीय निकाय चुनाव: 9 और 11 दिसंबर को मतदान, 13 को मतगणना

केरल में स्थानीय निकाय चुनाव 9 और 11 दिसंबर को आयोजित किए जाएंगे, जिसमें मतगणना 13 दिसंबर को होगी। यह चुनाव 2026 विधानसभा चुनावों से पहले का महत्वपूर्ण 'सेमीफाइनल' माना जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी तैयारियों की पुष्टि की है और आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। कुल 1199 स्थानीय निकायों में मतदान होगा, जिसमें 23,576 वार्ड शामिल हैं। इस चुनाव में एलडीएफ और यूडीएफ के बीच प्रतिस्पर्धा के साथ भाजपा की शहरी पैठ बढ़ाने की कोशिश भी देखने को मिलेगी।
 

केरल में स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी

केरल में स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे, जिसमें मतदान 9 और 11 दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना 13 दिसंबर को की जाएगी। इसे 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले का महत्वपूर्ण 'सेमीफाइनल' माना जा रहा है।


राज्य निर्वाचन आयुक्त ए. शाहजहां ने बताया कि सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। चुनाव की अधिसूचना 14 नवंबर को जारी की जाएगी। नामांकन की प्रक्रिया 21 नवंबर से शुरू होगी, जबकि नामांकन की जांच 22 नवंबर को होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 24 नवंबर निर्धारित की गई है। सभी चुनावी गतिविधियां 18 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएंगी, ताकि मौजूदा परिषदों का कार्यकाल 21 दिसंबर को समाप्त होने से पहले नई परिषदें कार्यभार संभाल सकें।


मतदान की तिथियाँ और जिलों का विवरण

पहले चरण में 9 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम जिलों में मतदान होगा। दूसरे चरण में 11 दिसंबर को त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में वोट डाले जाएंगे।


चुनाव 1199 स्थानीय निकायों में आयोजित किए जाएंगे, जिसमें मट्टन्नूर नगरपालिका को छोड़कर सभी शामिल हैं। कुल 23,576 वार्डों में चुनाव होंगे, जिसके लिए 33,746 मतदान केंद्र, 1,37,922 बैलेट यूनिट और 50,691 कंट्रोल यूनिट तैयार की गई हैं। लगभग 1.8 लाख चुनाव अधिकारी और 70,000 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।


मतदाता संख्या और राजनीतिक परिदृश्य

25 अक्टूबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची में 1.33 करोड़ पुरुष, 1.49 करोड़ महिलाएं और 271 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। मलप्पुरम जिले में 35.7 लाख मतदाता हैं, जबकि वायनाड में 6.4 लाख मतदाता हैं।


यह चुनाव वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की स्थिति और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के पुनरुत्थान की संभावनाओं का परीक्षण करेगा। भाजपा शहरी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास कर रही है। वर्तमान में, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, कोझिकोड, त्रिशूर और कोल्लम में एलडीएफ का कब्जा है, जबकि यूडीएफ कन्नूर निगम पर शासन कर रहा है।


पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा

एलडीएफ के पास 571 ग्राम पंचायतें, 113 ब्लॉक पंचायतें और 11 जिला पंचायतें हैं, जबकि यूडीएफ 351 ग्राम पंचायतों, 38 ब्लॉक पंचायतों और तीन जिला पंचायतों पर नियंत्रण रखता है। एनडीए 12 ग्राम पंचायतों में शासन कर रहा है।


नगरपालिकाओं में एलडीएफ 44, यूडीएफ 41 और भाजपा पालक्काड़ व पंडालम में दो नगरपालिकाओं में शासन कर रही है। यूडीएफ ने पहले ही कई वार्ड-स्तरीय उम्मीदवारों की घोषणा की है और के. एस. सबरीनाधन को तिरुवनंतपुरम के मेयर पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने पूर्व डीजीपी आर. श्रीलेखा और एशियाई खेलों की पदक विजेता पद्मिनी थॉमस को मैदान में उतारा है।


भाजपा के राज्य अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह चुनाव 'एक नए केरल के लिए बदलाव चुनने' का अवसर है। वहीं, एलडीएफ संयोजक टी.पी. रमाकृष्णन ने दावा किया कि वे तीसरी बार सत्ता में वापसी का रास्ता मजबूत करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सनी जोसेफ ने भी कहा कि वे इस 'सेमीफाइनल' में जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।