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केवीआईसी ने 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की है। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन के रूप में भी उभरी है, जो युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ती है। विभिन्न क्षेत्रों में सब्सिडी वितरण की जानकारी और इसके प्रभाव के बारे में जानें।
 

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत सब्सिडी वितरण

नई दिल्ली: खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत देशभर में 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की है।


केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत' के दृष्टिकोण को मान्यता मिल रही है, और पीएमईजीपी योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गई है।


उन्होंने कहा कि यह योजना केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन भी बन चुकी है, जो लाखों युवाओं, महिलाओं और कारीगरों को स्वरोजगार और उद्यमिता से जोड़ने का कार्य कर रही है।


मनोज कुमार ने यह भी कहा कि इस योजना ने हर गांव में रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस वितरण कार्यक्रम में देश के सभी छह जोन ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।


सेंट्रल जोन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के लिए 2,403 परियोजनाओं के लिए 72 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की गई, जिसके लिए कुल 218 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया।


पूर्वी जोन में बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लिए 996 परियोजनाओं के लिए 22 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई, जबकि ऋण स्वीकृति लगभग 71 करोड़ रुपए थी।


पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान और चंडीगढ़ के लिए 2,713 परियोजनाओं को 61 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई और इन परियोजनाओं के लिए 184 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया।


पूर्वोत्तर क्षेत्र में 81 परियोजनाओं को 2 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिली, जिसमें असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं।


आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के लिए 4,565 परियोजनाओं को कवर करते हुए 116 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की गई, जबकि इन परियोजनाओं के लिए 343 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण स्वीकृत किया गया।


महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा जैसे पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों में, कुल 722 परियोजनाओं के लिए 82 करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृति के मुकाबले 26 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी वितरित की गई।