कैथल में डेंगू के मामलों में तेजी, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया जागरूकता अभियान
कैथल में डेंगू का बढ़ता खतरा
कैथल: जिले में डेंगू संक्रमण की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। इस वर्ष डेंगू के मामलों ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जहां अब तक 87 मरीज सामने आ चुके हैं, जबकि पिछले वर्ष कुल 77 मामले दर्ज हुए थे।
चिकनगुनिया के नए मामले
इस मौसम में चिकनगुनिया के तीन नए मामले भी सामने आए हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है और डोर-टू-डोर लार्वा जांच अभियान शुरू किया है।
10,412 घरों का सर्वेक्षण
स्वास्थ्य टीमों द्वारा सर्वेक्षण
मंगलवार को स्वास्थ्य टीमों ने 10,412 घरों का सर्वेक्षण किया, जिसमें 30 स्थानों पर मच्छर का लार्वा पाया गया। विभाग की 930 टीमें लगातार सर्वेक्षण और जागरूकता अभियान चला रही हैं।
लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे पानी के बर्तनों की सफाई करें, कूलर और फ्रिज की ट्रे में जमा पानी हटाएं, पुराने सामान की सफाई करें और घर के बाहर पानी जमा न होने दें।
मरीजों की संख्या का सालाना आंकड़ा
साल-दर-साल मरीजों की संख्या
2020: मलेरिया – 0, डेंगू – 114, चिकनगुनिया – 0
2021: मलेरिया – 0, डेंगू – 1212 (सबसे ज्यादा मामले), चिकनगुनिया – 0
2022: मलेरिया – 0, डेंगू – 116, चिकनगुनिया – 2
2023: मलेरिया – 0, डेंगू – 118, चिकनगुनिया – 1
2024: मलेरिया – 1 (5 साल में पहला मामला), डेंगू – 77, चिकनगुनिया – 0
2025 (नवंबर तक): मलेरिया – 1, डेंगू – 87, चिकनगुनिया – 3
स्वास्थ्य विभाग की पहल
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नीरज मंगला ने बताया कि डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिला नागरिक अस्पताल में डेंगू की जांच मुफ्त में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को तेज बुखार, शरीर में दर्द, आंखों के पीछे दर्द या उल्टी जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत सरकारी अस्पताल में जांच करवाएं ताकि समय पर उपचार किया जा सके।
टीमें जहां भी लार्वा मिलने की पुष्टि करती हैं, वहां दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। हालांकि, फॉगिंग की कमी को लेकर लोगों में नाराजगी है। शहरवासियों का कहना है कि नगर पालिका और पंचायतों को फॉगिंग की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन कई पंचायतों के पास मशीनें उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम कैसे संभव होगी?