कॉम्फेड का वैश्विक विस्तार: 122 मिट्रिक टन मिल्क पाउडर उत्पादन क्षमता
कॉम्फेड का विकास
बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड, जिसे आमतौर पर कॉम्फेड के नाम से जाना जाता है, अपने विस्तार में तेजी से प्रगति कर रहा है। यह अब केवल एक स्थानीय ब्रांड नहीं रह गया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। इसके उत्पादों की उच्च गुणवत्ता ने इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लोकप्रियता दिलाई है। हाल के वर्षों में, कॉम्फेड ने उल्लेखनीय विकास किया है।
उत्पादन क्षमता में वृद्धि
कॉम्फेड ने अपने सफर की शुरुआत लगभग 8 लाख लीटर प्रतिदिन दूध प्रसंस्करण क्षमता के साथ की थी। आज, यह लगभग 54.05 लाख लीटर प्रतिदिन दूध का प्रसंस्करण करने में सक्षम है। इसके अलावा, कॉम्फेड के पास 122 मिट्रिक टन प्रतिदिन मिल्क पाउडर और 1060 मिट्रिक टन प्रतिदिन पशु आहार बनाने की क्षमता भी है।
नए संयंत्रों का योगदान
कॉम्फेड ने पिछले कुछ वर्षों में नए संयंत्र स्थापित किए हैं, जिससे इसकी उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। रोहतास, डेहरी ऑन सॉन, समस्तीपुर और सुपौल में नए ऑटोमेटेड संयंत्रों की स्थापना की गई है, जो प्रतिदिन 11 लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण कर सकते हैं। हाजीपुर डेयरी की क्षमता 4 लाख लीटर और बरौनी डेयरी की क्षमता 5 लाख लीटर है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉम्फेड
वर्तमान में, कॉम्फेड 20,885 दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों के माध्यम से प्रतिदिन 23 लाख लीटर दूध एकत्र कर रहा है। यह लगभग 17 लाख लीटर तरल दूध और 3 लाख लीटर दुग्ध उत्पादों की बिक्री कर रहा है। इसके उत्पाद बिहार, झारखंड, उत्तर पूर्वी राज्यों, दिल्ली एन.सी.आर., कोलकाता और उत्तर प्रदेश में 30,540 खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से उपलब्ध हैं। हाल ही में, इसके ब्रांड सुधा के उत्पाद अमेरिका और कनाडा में भी भेजे गए हैं।
कॉम्फेड के उत्पाद
कॉम्फेड विभिन्न प्रकार के उत्पादों का निर्माण और बिक्री कर रहा है, जिसमें दूध पाउच पैक, दही, लस्सी, मिठाई जैसे रसगुल्ला, गुलाबजामुन, और अन्य शामिल हैं। इसके अलावा, सुधा ब्रांड के तहत मिनरल वाटर, ब्रेड, भुजिया, और मोजरैला चीज भी उपलब्ध हैं।