कोच्चि में अभिनेत्री अपहरण मामले में दिलीप को मिली राहत, मुख्य आरोपी दोषी
महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया
कोच्चि: 2017 में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर देने वाले एक्ट्रेस अपहरण और यौन उत्पीड़न मामले में एर्नाकुलम जिला और सत्र न्यायालय ने सोमवार को अपना महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। अदालत ने अभिनेता दिलीप को सभी आरोपों से बरी कर दिया, जबकि मुख्य आरोपी पल्सर सुनी और उसके पांच अन्य साथियों को गंभीर धाराओं में दोषी ठहराया गया है।
अदालत का निर्णय
जज हनी एम वर्गीस ने सुबह 11 बजे अदालत में यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने सबूतों के आधार पर पाया कि पल्सर सुनी और उसके साथियों ने आपराधिक साजिश, अपहरण, शील भंग करने के इरादे से हमला, कपड़े उतारने की कोशिश और सामूहिक दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध किए हैं। भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत इन छह आरोपियों को दोषी ठहराया गया, जबकि दिलीप के खिलाफ साजिश में शामिल होने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले।
मामले का पृष्ठभूमि
यह मामला 17 फरवरी 2017 का है, जब एक प्रसिद्ध मलयालम अभिनेत्री का अपहरण किया गया था। आरोप था कि चलती कार में लगभग दो घंटे तक उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया और इसे रिकॉर्ड किया गया। पुलिस जांच के दौरान दिलीप का नाम सामने आया, जिससे सनसनी फैल गई। पुलिस ने आरोप लगाया कि पल्सर सुनी ने जेल से दिलीप को पत्र लिखा था, जिसके आधार पर जुलाई 2017 में दिलीप को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, उन्हें अक्टूबर 2017 में जमानत मिल गई थी।
मामले में उतार-चढ़ाव
इस केस में कई उतार-चढ़ाव आए। 2021 में निर्देशक बालचंद्र कुमार के खुलासे ने मामले को और जटिल बना दिया, जब उन्होंने कहा कि दिलीप के पास हमले का वीडियो था। इसके बाद नए सिरे से जांच और मुकदमे दर्ज हुए। ट्रायल के दौरान 261 गवाहों की गवाही हुई, जिनमें कई फिल्मी हस्तियां शामिल थीं। अफसोस की बात यह रही कि फैसले से पहले दो महत्वपूर्ण गवाहों का निधन हो गया।