कोलकाता गैंगरेप मामला: छात्राओं में बढ़ा डर, कॉलेज छोड़ने पर मजबूर
कोलकाता में गैंगरेप के आरोपी की वापसी से छात्राओं में असुरक्षा
कोलकाता गैंगरेप मामला: साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में गैंगरेप के आरोपी मनोजित मिश्रा की जून 2024 में वापसी ने कॉलेज में एक भयावह माहौल उत्पन्न कर दिया है, जिससे छात्राएं असुरक्षित महसूस करने लगी हैं। कई छात्राओं ने कॉलेज जाना बंद कर दिया है, जिससे उपस्थिति में गिरावट आई है। मनोजित मिश्रा, जो पहले से विवादों में रहा है, जून 2024 में कॉलेज में एक एड-हॉक स्टाफ के रूप में लौट आया था।
छात्राओं की सुरक्षा पर खतरा
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कई छात्राओं ने बताया कि 2021 में निष्कासित होने के बाद जब मनोजित ने दोबारा कॉलेज में कदम रखा, तो माहौल में नकारात्मक बदलाव आ गया। एक छात्रा ने कहा, "मनोजित की उपस्थिति और उसकी घूरती नजरों से हम असहज महसूस करते थे। हम डर के साए में क्लास में बैठते थे।"
छात्राओं की तस्वीरें खींचने का आरोप
एक चौथे वर्ष की छात्रा ने बताया, "मनोजित लड़कियों की तस्वीरें खींचता था, उन्हें ग्रुप में पोस्ट करता था और हर दूसरी लड़की को प्रपोज करता था।" दूसरी वर्ष की एक छात्रा ने कहा कि वह उसकी मौजूदगी से ही घबरा जाती थी।
तस्वीरों का दुरुपयोग
कॉलेज के एक अंदरूनी सूत्र ने खुलासा किया कि मनोजित लड़कियों की तस्वीरें मॉर्फ करके अपने दोस्तों को भेजता था। वह निजी पलों को रिकॉर्ड करता और उन्हें साझा करता था। सूत्र ने बताया, "वह लगभग हर चीज की वीडियो बनाता था। उसकी टोली लड़कियों की तस्वीरें लेकर उन्हें ग्रुप में डालती थी, बॉडी शेमिंग करती और उनकी छवि खराब करती।"
कॉलेज में आतंक का माहौल
छात्रों के अनुसार, मिश्रा को कॉलेज की इमारतों तक पहुंच थी, वह कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप्स को नियंत्रित करता और सूचना के प्रवाह पर भी उसकी पकड़ थी। उसके खिलाफ कई बार छेड़छाड़, मारपीट और रंगदारी की शिकायतें दर्ज करवाई गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मनोजित मिश्रा का आपराधिक इतिहास
रिपोर्ट के अनुसार, मनोजित ने 2012 में लॉ कॉलेज में दाखिला लिया था लेकिन अगले ही वर्ष आपराधिक गतिविधियों के कारण निष्कासित कर दिया गया। वह 2017 में दोबारा दाखिल हुआ और उसी वर्ष कैंपस में तोड़फोड़ के बाद फिर से प्रतिबंधित हुआ। 2022 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद भी उसका प्रभाव बना रहा।
गैंगरेप केस में गिरफ्तारी
मनोजित मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को 7 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। पीड़िता ने 26 जून को दर्ज शिकायत में कहा कि वह एक टेस्ट फॉर्म भरने कॉलेज आई थी, लेकिन फॉर्म भरने के बाद भी उसे यूनियन रूम में रोका गया।