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कोलकाता सामूहिक दुष्कर्म: ममता सरकार पर बीजेपी का तीखा हमला

कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पश्चिम बंगाल में हड़कंप मचा दिया है। इस जघन्य अपराध के खिलाफ बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को हिरासत में लिया गया। घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बीजेपी ने इसे ममता सरकार की नाकामी बताया है, जबकि टीएमसी ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
 

कोलकाता में सामूहिक दुष्कर्म की घटना

कोलकाता सामूहिक दुष्कर्म: कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पश्चिम बंगाल में हड़कंप मचा दिया है। इस जघन्य अपराध के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।


घटना का विवरण

25 जून, 2025 की शाम को दक्षिण कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई। पुलिस के अनुसार, यह अपराध कॉलेज के गार्ड रूम में शाम 7:30 से रात 10:50 के बीच अंजाम दिया गया। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि तीन आरोपियों ने उसे कॉलेज बुलाकर यूनियन में जनरल सेक्रेटरी का पद देने का लालच दिया और फिर उसके साथ दरिंदगी की।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया। मनोजीत मिश्रा टीएमसी की छात्र इकाई का पूर्व नेता है, जबकि अन्य दो वर्तमान में कॉलेज के छात्र हैं। आरोपियों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और अपराध से जुड़े साक्ष्यों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। पीड़िता की प्रारंभिक चिकित्सा जांच कोलकाता के सीएनएमसी अस्पताल में की गई।


ममता पर इस्तीफे का दबाव

बीजेपी ने इस घटना को ममता बनर्जी सरकार की नाकामी का प्रतीक बताते हुए तीखा हमला बोला है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, "जब तक ममता बनर्जी मुख्यमंत्री और टीएमसी सत्ता में रहेंगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। टीएमसी ने हमेशा बलात्कार की घटनाओं को दबाने की कोशिश की है। जब तक प्रशासन घटनाओं को दबाता रहेगा, तब तक गुंडे प्रशासन से कैसे डरेंगे?" पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी ममता बनर्जी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।"


TMC का जवाब

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। टीएमसी प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, "दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पुलिस जांच कर रही है। लेकिन दुर्भाग्य से विपक्ष के नेता एक सामाजिक बुराई को लेकर हमला कर रहे हैं। हम सभी को मिलकर इस सामाजिक बुराई से लड़ना चाहिए।" साथ ही टीएमसी ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा कभी उनकी छात्र इकाई का अध्यक्ष नहीं रहा। पार्टी ने इस घटना को दर्दनाक बताते हुए इसका राजनीतिकरण न करने की अपील की।


सुकांत मजूमदार की हिरासत से बढ़ा सियासी तनाव

प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिससे सियासी तनाव और बढ़ गया। हिरासत में लेने के बाद मजूमदार ने कहा, "यह पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का चेहरा है।" बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसे ममता सरकार की तानाशाही करार दिया और विरोध प्रदर्शन को और तेज करने की चेतावनी दी।