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कोहरे के कारण लेट ट्रेनों पर रेलवे का रिफंड नियम

सर्दियों में घने कोहरे के कारण भारतीय रेलवे की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, जिससे ट्रेनों में देरी हो रही है। यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे ने रिफंड का नियम लागू किया है। यदि आपकी ट्रेन 3 घंटे से अधिक लेट होती है और आपने यात्रा करने का इरादा छोड़ दिया है, तो आप पूरा पैसा वापस ले सकते हैं। जानें इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से और कैसे आप रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।
 

कोहरे से प्रभावित ट्रेन सेवाएं

नई दिल्ली: जैसे ही सर्दियों का मौसम आया, घने कोहरे ने भारतीय रेलवे की गति को धीमा कर दिया है। पिछले सप्ताह से कोहरे के कारण ट्रेनों का संचालन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। स्थिति यह है कि ट्रेनें न केवल रास्ते में घंटों की देरी से चल रही हैं, बल्कि कई बार अपने प्रारंभिक स्टेशन से 4 से 5 घंटे और कभी-कभी 12 घंटे की देरी से रवाना हो रही हैं। इस देरी के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी महत्वपूर्ण समारोह, परीक्षाएं और मीटिंग्स छूट रही हैं। हालांकि, इस अव्यवस्था के बीच यात्रियों के लिए एक राहत की खबर है कि यदि कोहरे या किसी अन्य कारण से उनकी ट्रेन निर्धारित समय से अधिक लेट होती है, तो रेलवे के नियमों के अनुसार वे अपना पूरा पैसा वापस ले सकते हैं।


रेलवे के रिफंड नियम

रेलवे के नियमों के अनुसार, यदि आपकी ट्रेन आपके बोर्डिंग स्टेशन से 3 घंटे (180 मिनट) या उससे अधिक की देरी से चल रही है, तो यात्री टिकट का पूरा रिफंड प्राप्त करने के हकदार हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि यात्री ने उस ट्रेन से यात्रा करने का इरादा छोड़ दिया हो। इसका मतलब है कि यदि ट्रेन की देरी के कारण आप यात्रा नहीं करते हैं, तो ही आपको 100 प्रतिशत रिफंड मिलेगा। यह नियम सामान्य टिकट के साथ-साथ तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकटों पर भी लागू होता है। हालांकि, यदि आप ट्रेन में सवार हो जाते हैं या समय पर टीडीआर फाइल नहीं करते हैं, तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा।


रिफंड प्राप्त करने की प्रक्रिया

रिफंड प्राप्त करने की प्रक्रिया ऑनलाइन और काउंटर टिकट दोनों के लिए अलग-अलग लेकिन सरल है। जिन यात्रियों ने आईआरसीटीसी के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक किया है, उन्हें वेबसाइट या ऐप पर जाकर 'माई बुकिंग्स' सेक्शन में अपना टिकट चुनना होगा। इसके बाद 'फाइल टीडीआर' विकल्प पर क्लिक करके कारण में 'Train delayed more than 3 hours' चुनना होगा और सबमिट करना होगा। यह प्रक्रिया ट्रेन के वास्तविक प्रस्थान या चार्ट बनने से पहले पूरी करनी होती है। वहीं, पीआरएस काउंटर से टिकट लेने वाले यात्रियों को स्टेशन पर जाकर टिकट जमा करना होगा और क्लर्क को देरी का कारण बताना होगा, जिसके बाद उन्हें नकद या खाते में रिफंड मिल जाएगा।


रिफंड की समयसीमा

यात्रियों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि रेलवे रिफंड ट्रेन के डेस्टिनेशन पर देर से पहुंचने के आधार पर नहीं, बल्कि बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन के लेट खुलने के आधार पर देता है। टीडीआर फाइल करने के बाद आमतौर पर 5 से 7 कार्यदिवसों के भीतर रिफंड की राशि उसी खाते में वापस आ जाती है, जिससे टिकट का भुगतान किया गया था। कोहरे के इस मौसम में यह जानकारी यात्रियों को आर्थिक नुकसान से बचाने में मददगार साबित हो सकती है।