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क्या उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले में मारे गए आतंकियों की पुष्टि की?

उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में मारे गए आतंकियों के पहलगाम हमले में शामिल होने की पुष्टि पर टिप्पणी की है। उन्होंने सुरक्षा बलों की कार्रवाई की सराहना की और संसद में पहलगाम हमले पर चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने की संभावनाओं पर भी अपनी उम्मीदें व्यक्त की हैं। जानें उनके विचार और आगामी रणनीतियों के बारे में।
 

उमर अब्दुल्ला का बयान

जब उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर में मारे गए तीन आतंकियों में से एक के पहलगाम हमले में शामिल होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है। यदि यह सत्यापित होता है, तो यह सुरक्षा बलों के लिए एक सकारात्मक समाचार होगा। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद से पुलिस, सेना और पैरामिलिट्री फोर्स लगातार आतंकियों का पीछा कर रही है। यदि इनमें से कोई आतंकी मारा गया है, तो यह एक अच्छी प्रगति है.


पहलगाम हमले पर चर्चा की आवश्यकता

सिंदूर से पहले पहलगाम की जांच जरूरी
उमर अब्दुल्ला ने संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कहा कि पहले पहलगाम हमले पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि हाल ही में उपराज्यपाल ने स्वीकार किया था कि उस हमले में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की चूक हुई थी। उमर का मानना है कि संसद में यह स्पष्ट होना चाहिए कि इस नाकामी के लिए कौन जिम्मेदार है। तभी 'ऑपरेशन सिंदूर' पर गंभीर चर्चा संभव है.


राज्य का दर्जा वापस मिलने की संभावनाएं

राज्य का दर्जा वापस मिलने की उम्मीद
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिलने के मुद्दे पर सकारात्मक संकेत व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि संसद के मौजूदा सत्र में कुछ अच्छी खबरें आ सकती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह फिलहाल किसी विरोध की योजना नहीं बना रहे हैं, लेकिन यदि 21 से 22 अगस्त तक पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई, तो वह इस पर विचार कर सकते हैं.