क्या कुली समाज की समस्याओं का समाधान होगा? संजय सिंह ने उठाई आवाज
संजय सिंह का कुली समाज के प्रति समर्थन
आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को यह घोषणा की कि वे रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले कुली समुदाय की समस्याओं को संसद में प्रमुखता से उठाएंगे। यह जानकारी उन्होंने नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में कुली समाज के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान दी।
कुलियों की समस्याओं पर चर्चा
इस बैठक में कुली समाज के कई सदस्य संजय सिंह से मिले और अपनी समस्याएं साझा कीं। उन्होंने सांसद से अनुरोध किया कि रेलवे में निजीकरण के कारण उनकी आजीविका पर संकट आ गया है, और उन्हें संसद में उनकी आवाज बनना चाहिए।
रेलवे में निजीकरण का प्रभाव
संजय सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने रेलवे स्टेशनों पर कुलियों के कार्य को निजी हाथों में सौंप दिया है, जिससे हजारों कुली बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले कुलियों के लिए 'कुली माई' नामक एक एप मददगार था, लेकिन अब वह भी बंद कर दिया गया है।
22,000 कुलियों की नौकरी का मुद्दा
संजय सिंह ने याद दिलाया कि जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने करीब 22,000 कुलियों को रेलवे में नौकरी दी थी। लेकिन आज भी लगभग 20,000 कुलियों को नौकरी नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा, "मैं पहले भी इस मुद्दे को संसद में उठा चुका हूं, और इसे फिर से जोरदार तरीके से उठाऊंगा।"
आंदोलन में समर्थन
संजय सिंह ने कहा कि यदि कुली समाज अपनी मांगों के लिए जंतर-मंतर या किसी अन्य स्थान पर आंदोलन करता है, तो वे उसमें शामिल होकर उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह केवल रोजगार का मामला नहीं है, बल्कि सम्मान और अस्तित्व की लड़ाई है।
कुलियों के समायोजन की मांग
प्रेस वार्ता के दौरान राष्ट्रीय कुली मोर्चा के संयोजक राम सुरेश यादव ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने सरकार से 2008 की नीति के आधार पर बचे हुए कुलियों को रेलवे में समायोजित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि तकनीकी उपकरणों जैसे एस्केलेटर और लिफ्ट से कुलियों का काम प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन निजीकरण ने उनके काम को छीन लिया है।
रेल मंत्री के वादे अधूरे
राम सुरेश यादव ने बताया कि जब संजय सिंह ने संसद में यह मुद्दा उठाया, तो रेल मंत्री ने कई सुविधाएं देने का वादा किया था, जैसे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, यूनिफॉर्म, पानी और रेस्ट हाउस। लेकिन ये सुविधाएं देश के किसी भी स्टेशन पर उपलब्ध नहीं हैं।
कुलियों के लिए रोजगार की आवश्यकता
राम सुरेश यादव ने अंत में केंद्र सरकार से मांग की कि जिस तरह 2008 में कुलियों को समायोजित किया गया था, उसी प्रकार बचे हुए कुलियों और उनके बच्चों को भी रोजगार दिया जाए। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने 18 से 50 वर्ष के कुलियों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा अब तक अधूरा है।
कुली समाज की उम्मीदें
संजय सिंह द्वारा कुली समाज की समस्याओं को संसद में उठाने का संकल्प कुलियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। अब देखना यह है कि क्या सरकार उनकी आवाज सुनेगी और बेरोजगार कुलियों को राहत प्रदान करेगी।